Knews Desk, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने कुछ दिनों पहले प्रेस कांफ्रेंस कर जिस सोलर पॉलिसी का ऐलान किया था, अब उस पर रोक लगाने की बात कही जा रही है। मुख्यमंत्री केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्ली सौर नीति 2024 (Delhi Solar Policy 2024) के तहत अपने घर की छत पर सौर पैनल लगाने वाले लोगों को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया था। अब दिल्ली सरकार ने LG पर सोलर पॉलिसी को रोकने का आरोप लगाया है। दिल्ली सरकार ने सोलर पॉलिसी लागू होने से राजधानी के अधिकतर घरों का बिजली बिल जीरो होने की बात कही थी।
अब सरकार ने LG पर इसे रोके जाने का आरोप लगाया है। हालांकि LG हाउस के सूत्रों ने कहा है कि हमने सोलर पॉलिसी नहीं रोकी है। सूत्रों के मुताबिक, एलजी हाउस की तरफ से कहा गया है कि पॉलिसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे लोगों के बिजली बिल जीरो हो जाते हैं। इसके उलट पॉलिसी मे एक “रेसको” प्रावधान है, जिससे सिर्फ निजी बिजली कंपनियों को फ़ायदा होगा। LG ने इसी प्रावधान पर विवरण मांगा है। LG ने ये भी पूछा कि क्या इस पॉलिसी में भारत सरकार की हज़ारों करोड़ की कैपिटल सब्सिडी से उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिये सामन्जस्य का प्रावधान है।
दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने सदन में सोलर पॉलिसी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार ने पिछले दिनों नई सोलर पॉलिसी की घोषणा करते हुए कहा था कि दिल्ली 20 फ़ीसदी बिजली इस सोलर पॉलिसी के ज़रिए उत्पादित कर पाएगी। लोग फ्री बिजली का इस्तेमाल कर पाएंगे। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इस पॉलिसी को उपराज्यपाल ने रोक दिया है। आतिशी ने दावा किया कि एलजी ने कई दिनों से फाइल अपने पास रखी है।
बार बार सवाल पूछने पर उपराज्यपाल ने कल देर रात फालतू ऑब्जेक्शन लगाकर फ़ाइल वापस भेज दी। अब सवालों के जवाब में फ़ाइल घूमती रहेगी। एलजी का उनका एक ही ध्येय है कि आचार संहिता लगने से पहले सोलर पॉलिसी लागू न हो सके।