KNEWS DESK- बीते रविवार यानी 28 जनवरी को मध्यप्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री के बीच मीटिंग हुई। इस मीटिंग में ERCP के मुद्दे पर बातचीत हुई। बैठक के बाद दोनों मुख्यमंत्रियों ने जताया कि जल्द ही ईआरसीपी को लागू किया जाएगा। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सरकार बनने के बाद इस बारे में लगातार बात चल रही थी।
भजनलाल शर्मा ने कहा,’राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए यह बहुत आवश्यक योजना है। 2013 में हमारी सरकार आई और इसका डीपीआर बनाने का काम शुरू हुआ। उसके बाद दोनों जगह पर अलग-अलग पार्टी की सरकारी बनती रही। इच्छा शक्ति होती तो यह काम जरुर पूरा होता, लेकिन उन्होंने इस मामले में केवल राजनीति की। इस योजना के तहत राजस्थान के 13 जिलों को ईआरसीपी से पानी मिलेगा.’
राजस्थान के सीएम ने आगे कहा कि उद्योगों के साथ वन क्षेत्र को भी इस योजना से लाभ मिलेगा। इन 13 जिलों में जो पेयजल की समस्या थी, उसका समाधान होने वाला है। निश्चित रूप से जल्द ही इस योजना को परिणीति पर पहुंचाया जाएगा। आज कुछ मुद्दे हैं, उनका भी समावेश होगा। लंबे समय से लोग कह रहे थे कि पानी मिलना चाहिए वह जल्द मिलेगा. बता दें कि ईआरसीपी का मुद्दा राजस्थान की राजनीति में लंबे समय से चला आ रहा था, जिसको लेकर कई बार अशोक गहलोत की पूर्व की कांग्रेस सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाया था।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय नदी जोड़ो अभियान शुरू हुआ। काली सिंधु पार्वती और चंबल हमसे सटी हुई नदियां हैं। इन नदियों का दोनों राज्यों को लाभ मिलता आया है लेकिन केंद्र में कांग्रेस की सरकार ने इस प्रोजेक्ट को रोक दिया। इस योजना से भिंड, मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर, उज्जैन और देवास को पानी मिलेगा। इस समस्या के सुलझने से पर्यटन सहित कई क्षेत्रों में लाभ होगा।
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