डिजिटल डेस्क- रविवार की पूर्णिमा की रात साल का आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। खगोलविदों के अनुसार यह ग्रहण भारत सहित एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, फिजी और अंटार्कटिका के कई हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण विशेष होगा, क्योंकि यहां इसका धार्मिक महत्व भी माना जाता है। चंद्र ग्रहण के दौरान चांद लाल और नारंगी आभा लिए दिखाई देगा, जिसे खगोल विज्ञान में ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।
भारत में ग्रहण का समय
- ग्रहण की शुरुआत: रात 9:58 बजे
- मध्य काल: रात 11:41 बजे
- ग्रहण की समाप्ति: रात 1:27 बजे (8 सितंबर की सुबह)
- कुल अवधि: लगभग 3 घंटे 28 मिनट
सूतक काल
चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य होगा। यह ग्रहण से 9 घंटे पहले यानी दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, सूतक काल में पूजा-पाठ, भोजन और मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। हालांकि, छोटे बच्चे, बुजुर्ग और रोगियों को इससे छूट दी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस समय प्रभु का स्मरण, मंत्र जाप और ध्यान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
सितंबर में लगेगा सूर्य ग्रहण भी
सितंबर महीने में दूसरा खगोलीय घटना भी घटेगी। 21 सितंबर 2025 को सूर्य ग्रहण लगेगा। हालांकि, यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका धार्मिक प्रभाव नहीं होगा। इस तरह सितंबर 2025 में आसमान दो बड़े खगोलीय दृश्यों का गवाह बनेगा—पहले 7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण और उसके बाद 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण।