डिजिटल डेस्क- बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर भारी तनाव के दौर से गुजर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता विरोधी अपराधों से जुड़े केस में सोमवार को आने वाले फैसले से पहले पूरे देश में हिंसा, पत्थरबाजी, आगजनी और धमाकों की घटनाएं बढ़ गई हैं। ढाका से लेकर कई जिलों तक असुरक्षा का माहौल बन गया है। रविवार को ही उग्र भीड़ ने कई स्थानों पर सड़कें जाम कर दीं, बसों में आग लगाई और पुलिस पर हमला किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने सेना और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BG B) की तैनाती कर दी है। राजधानी ढाका में पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की अनुमति भी दे दी गई है।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण सुनायेगा फैसला
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) आज 78 वर्षीय शेख हसीना के खिलाफ फैसला सुनाने वाला है। यह पूरा मुकदमा उनकी गैर-हाजिरी में चला और उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया। अभियोजन पक्ष ने हसीना के लिए अधिकतम सजा—फांसी—की मांग दोहराई है। साथ ही उनकी संपत्ति जब्त कर शहीदों और घायलों के परिवारों में बांटने का अनुरोध किया गया है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस कमिश्नर एसएम सज्जात अली ने खुलकर कहा कि जो कोई बस में आग लगाए या जानलेवा देसी बम फेंके, उसे गोली मार दी जाएगी। कानून हमें ऐसा करने का अधिकार देता है। उनके बयान के बाद सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। हसीना, उनके गृह मंत्री असद-उज-जमां खान कमाल और तत्कालीन पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर पिछले वर्ष हुए सरकार-विरोधी प्रदर्शनों में हत्या, हत्या की कोशिश, प्रताड़ना और अमानवीय व्यवहार जैसे आरोप लगाए गए थे। कमाल और हसीना अनुपस्थिति में ट्रायल फेस कर रहे हैं जबकि मामून सरकारी गवाह बन चुका है।
अवामी लीग ने जारी किया संदेश
इस बीच अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना ने अपनी पार्टी अवामी लीग की वेबसाइट पर जारी एक ऑडियो संदेश में कार्यकर्ताओं से घबराने को मना किया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं और अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने स्वीकार किया था कि उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से उनकी सरकार गिराई। उन्होंने कहा कि वह देश की सेवा करती रहेंगी और संविधान का उल्लंघन करने वालों को एक दिन सजा मिलेगी।