KNEWS DESK- कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर मामले में सियालदह कोर्ट ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया है। जस्टिस अनिर्बान दास ने 18 जनवरी यानी आज दोपहर 2.30 बजे फैसला सुनाया और कहा कि सजा का ऐलान सोमवार, 20 जनवरी को किया जाएगा।
यह फैसला उस जघन्य घटना के 162 दिन बाद आया, जो 9 अगस्त 2024 को घटित हुई थी। सीबीआई ने संजय रॉय के लिए फांसी की मांग की है। कोर्ट के फैसले के बाद, दोषी संजय ने कहा कि वह इस मामले में फंसाए गए हैं और आरोप लगाया कि एक आईपीएस अधिकारी भी इसमें शामिल है। उसने दावा किया कि असली अपराधी को बचाया गया है।
क्या था मामला?
यह घटना 8-9 अगस्त 2024 की रात की है, जब आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की गई। डॉक्टर की लाश 9 अगस्त की सुबह हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल में मिली थी। घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संजय रॉय नामक सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया।
संजय रॉय पर आरोप है कि उसने डॉक्टर के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या की। घटना के बाद से ही पूरे देश में इस मामले को लेकर व्यापक आक्रोश फैल गया था।
सीबीआई की जांच और सुनवाई
सीबीआई ने मामले की जांच की और 10 दिसंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि सियालदह ट्रायल कोर्ट में रेगुलर सुनवाई हुई और 81 गवाहों में से 43 से पूछताछ की गई। सीबीआई ने संजय रॉय के खिलाफ ठोस साक्ष्य जुटाए और मामले में फांसी की सजा की सिफारिश की।
पीड़ित परिवार का बयान
फैसले से पहले पीड़िता के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोर्ट जो भी सजा दे, वह उचित होगी, लेकिन जब तक उन्हें पूरा न्याय नहीं मिल जाता, वे अदालत का दरवाजा खटखटाते रहेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि न्याय मिलेगा और उनकी बेटी को न्याय मिलेगा।
यह मामला समाज में सुरक्षा के मुद्दे को और अधिक प्रासंगिक बनाता है, और कोर्ट का फैसला देशभर में इस पर बहस का विषय बन सकता है। अब सजा के बाद इस जघन्य अपराध के बारे में और भी सवाल उठ सकते हैं, खासकर उन आरोपों के बारे में जो संजय रॉय ने आईपीएस अधिकारी के संलिप्तता के बारे में लगाए हैं।
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