भारत में जन्मी बेगम खालिदा जिया का रिश्ता भारत के लिए रहा खास… जानिए कौन थीं बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री

शिव शंकर सविता- बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख बेगम खालिदा जिया का मंगलवार सुबह करीब 6 बजे ढाका में निधन हो गया। पार्टी ने बताया कि उनका इंतकाल फज्र की नमाज के कुछ देर बाद हुआ। 80 वर्षीय खालिदा जिया पिछले कई महीनों से गंभीर रूप से बीमार थीं और नवंबर के अंत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन के साथ ही बांग्लादेश की राजनीति के एक लंबे और प्रभावशाली अध्याय का अंत हो गया है। BNP ने बयान जारी कर कहा कि वह उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती है। अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस ने भी खालिदा जिया को देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। खालिदा जिया और मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच दशकों चली राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता ने बांग्लादेश की राजनीति को गहराई से प्रभावित किया। बीमारी और जेल में रहने के बावजूद समर्थकों को उम्मीद थी कि वह एक बार फिर सक्रिय राजनीति में लौटेंगी। नवंबर में उन्होंने फरवरी 2026 में होने वाले चुनाव में प्रचार करने की इच्छा भी जताई थी।

भारत में जन्म, संघर्षों से भरा शुरुआती जीवन

बेगम खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत के जलपाईगुड़ी में हुआ था, जो अब पश्चिम बंगाल का हिस्सा है। यही उनका भारत से सबसे गहरा और भावनात्मक रिश्ता माना जाता है। बांग्लादेश बनने से पहले उनका परिवार भारत में रहा और बाद में पूर्वी पाकिस्तान चला गया। राष्ट्रीय राजनीति में उनका प्रवेश तब हुआ, जब उनके पति जियाउर रहमान 1977 में बांग्लादेश के राष्ट्रपति बने। 1981 में एक सैन्य तख्तापलट के दौरान जियाउर रहमान की हत्या कर दी गई। इस त्रासदी के बाद खालिदा जिया ने राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई और सैन्य शासन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया। उनके संघर्षों ने 1990 में तानाशाही के अंत और लोकतांत्रिक चुनावों का रास्ता खोला।

दो बार प्रधानमंत्री, विवाद और जेल का दौर

1991 में खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं और 1996 तक इस पद पर रहीं। इसके बाद 2001 में उन्होंने दोबारा सत्ता संभाली और 2006 तक देश की कमान संभाली। हालांकि उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान 2001 से 2005 के बीच बांग्लादेश को दुनिया का सबसे भ्रष्ट देश करार दिया गया, जिससे उनकी सरकार आलोचनाओं के घेरे में रही। 2018 में शेख हसीना सरकार के दौरान उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में जेल भेजा गया। खालिदा जिया ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया। गंभीर बीमारी के चलते उन्हें पहले अस्पताल और फिर घर में नजरबंद रखा गया। नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतिम भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया था, जिसे उनके समर्थकों ने बड़ी राहत के रूप में देखा।

भारत-बांग्लादेश संबंधों में भूमिका और परिवार

प्रधानमंत्री रहते हुए खालिदा जिया ने भारत के साथ रिश्तों को लेकर कई अहम यात्राएं कीं। भारत में जन्म होने के कारण उनके भारत से निजी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर संबंध रहे। हालांकि रिश्तों में उतार-चढ़ाव भी देखने को मिले, लेकिन द्विपक्षीय संवाद लगातार बना रहा। परिवार की बात करें तो उनके बड़े बेटे तारीक रहमान BNP के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और 17 साल बाद हाल ही में बांग्लादेश लौटे थे। माना जा रहा था कि वे आगामी आम चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। छोटे बेटे आराफात रहमान ‘कोको’ का 2015 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।

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