डिजिटल डेस्क- गुजरात के छोटा उदयपुर में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बुधवार को अपनी ताकत का ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। ‘गुजरात जोड़ो जनसभा’ में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी, जिससे पूरा मैदान आम आदमी पार्टी के नारों से गूंज उठा। इस सभा में भाजपा और कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, पूर्व सरपंच और पंचायत सदस्य आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। यह आयोजन न केवल जनसमर्थन का प्रदर्शन था, बल्कि गुजरात की राजनीति में एक नए समीकरण की शुरुआत भी साबित हुआ।
आप के बड़े नेताओं की मौजूदगी में थामा आप का हाथ
सभा में डेढियापाड़ा के विधायक चैतर वसावा, जिला अध्यक्ष राधिका राठवा, विधानसभा प्रभारी विनुभाई राठवा और छात्र नेता युवराज सिंह जाडेजा मौजूद रहे। इस दौरान भाजपा के चालू कारोबारी अध्यक्ष राजेश राठवा, कांग्रेस के पूर्व तालुका पंचायत सदस्य और सात हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया। सभा में शामिल लोगों का जोश इस बात का संकेत था कि पार्टी की पकड़ अब गुजरात के गांवों और आदिवासी इलाकों तक पहुंच चुकी है।
चैतर वसावा का ऐलान – ‘आप’ अकेले लड़ेगी चुनाव
चैतर वसावा ने मंच से नए साथियों का स्वागत पारंपरिक ‘खेस’ पहनाकर किया और कहा कि गुजरात में अब ईमानदार राजनीति की नई शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने साफ कहा कि आम आदमी पार्टी किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी और आगामी स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी। वसावा ने कहा, “जनता अब पारंपरिक पार्टियों के झूठे वादों और भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है, इसलिए अब बदलाव का वक्त आ गया है।” सभा स्थल पर “गुजरात में भी केजरीवाल”, “आम आदमी की सरकार” और “बदलाव का समय आ गया” जैसे नारे लगातार गूंजते रहे। भीड़ में बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और किसान शामिल थे। आदिवासी क्षेत्रों से भी लोगों की भारी मौजूदगी देखने को मिली, जिससे साफ हुआ कि पार्टी का ग्राउंड कनेक्शन अब मज़बूत हो चुका है।
गुजरात की राजनीति में ‘आप’ का उभार
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि छोटा उदयपुर की यह जनसभा आम आदमी पार्टी के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। अब तक शहरी इलाकों में सीमित रही ‘आप’ ने अब ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में भी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। पार्टी की रणनीति शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जनसंपर्क बढ़ाने की रही है।