KNEWS DESK, भारतीय इतिहास के दस्तावेज डिजिटाइज्ड होने जा रहे हैं। यह काम 15 अगस्त 2026 तक पूरा होने की उम्मीद की जा रही है। जिससे आने वाली पीढ़ी को ऐतिहासिक दस्तावेजों की अहमियत मिलेगी।
नेशनल आर्काइव्स ऑफ इंडिया में भारत के 250 साल से ज्यादा समय का इतिहास दुर्लभ दस्तावेजों के रूप में मौजूद है। इसके करीब 34 करोड़ पन्ने हैं। जिनका अब डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। वहीं प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों के मुताबिक बताया जा रहा है कि उनका लक्ष्य रोजाना छह लाख पन्नों को डिजिटाइज करना है। इसके अलावा प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी ने बताया कि आने वाली पीढ़ी के लिए ऐतिहासिक अभिलेखों की अहमियत है। दस्तावेजों में 1857 का विद्रोह, भारत में रियासतों के विलय के कागजात और महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसी कुछ महान हस्तियों की चिट्ठियां भी शामिल हैं। साथ ही बता दें कि डिजिटाइजेशन प्रक्रिया 2026 के स्वतंत्रता दिवस पर यानी 15 अगस्त, 2026 तक पूरी होने की उम्मीद की जा रही है।