KNEWS DESK – टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने मैसेज ट्रेसबिलिटी नियम लागू करने की समयसीमा को 10 दिन बढ़ा दिया है। यह नियम पहले 1 दिसंबर से लागू होने वाला था, लेकिन अब इसे 10 दिसंबर से लागू किया जाएगा। ट्राई का उद्देश्य ग्राहकों को मिलने वाले मैसेज की ट्रेसबिलिटी सुनिश्चित करना है, ताकि वे जान सकें कि उनके पास कौन सा मैसेज आ रहा है और वह किससे भेजा गया है।
क्या है मैसेज ट्रेसबिलिटी?
दरअसल बता दें कि मैसेज ट्रेसबिलिटी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से ट्राई यह सुनिश्चित करना चाहता है कि टेलीकॉम प्लेटफॉर्म का उपयोग फ्रॉड, स्पैम और साइबर अपराध जैसी गतिविधियों के लिए न हो। इसके तहत, टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे बैंक, ई-कॉमर्स कंपनियां, और अन्य संस्थानों से आने वाले टेलीमार्केटिंग और प्रमोशनल कंटेंट वाले मैसेजों को ब्लॉक करें। ट्राई के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य ग्राहकों को प्राप्त होने वाले मैसेज की सत्यता का पता लगाना और टेलीमार्केटिंग से संबंधित धोखाधड़ी को रोकना है।
इसके अलावा, ट्राई ने कंपनियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे ऐसे सिस्टम का निर्माण करें, जिससे ग्राहकों को मिलने वाले मैसेज की आसानी से ट्रेसिंग की जा सके। इससे ग्राहकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि उनके पास कौन सा मैसेज आ रहा है और वह कहां से भेजा गया है।
कंपनियों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा
मैसेज ट्रेसबिलिटी नियम के तहत, टेलीमार्केटिंग या अन्य कमर्शियल कॉल और मैसेज भेजने वाली कंपनियों को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के, वे अपने मैसेज या कॉल नहीं भेज सकेंगे। अब तक, 27 हजार से अधिक कंपनियों ने टेलीकॉम प्लेटफॉर्म के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा कर लिया है और यह प्रक्रिया तेज़ी से जारी है। टेलीकॉम कंपनियां उन टेलीमार्केटर्स को अलर्ट कर रही हैं, जिन्होंने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
स्पैम कॉल और मैसेज के खिलाफ सख्ती
ट्राई ने साफ किया है कि 11 दिसंबर से स्पैम कॉल और मैसेज को हर हाल में ब्लॉक किया जाएगा। इसके लिए कंपनियों को पूरी तैयारी करनी होगी और उन्हें 10 दिसंबर तक सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद, अगर कोई कंपनियां स्पैम कॉल या मैसेज भेजती हैं, तो उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा।