KNEWS DESK – गूगल ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि पिछले साल अमेरिका में 2.1 करोड़ लोग साइबर ठगी का शिकार हुए। इस डेटा में ईमेल, फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज के जरिए की जाने वाली साइबर फ्रॉड गतिविधियों का उल्लेख किया गया है। जैसे-जैसे हमारी ज़िंदगी में डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग बढ़ा है, वैसे-वैसे साइबर क्राइम भी बढ़ता जा रहा है, और खुद को ऑनलाइन ठगी से बचाना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।
आजकल, जब अधिकतर काम ऑनलाइन होने लगे हैं, तो यह सवाल उठता है कि ऐसे में हम खुद को साइबर अपराधियों से कैसे बचा सकते हैं? गूगल, जो एक प्रमुख सर्च इंजन कंपनी है, इस दिशा में यूजर्स की सुरक्षा को लेकर कई कदम उठा रही है। गूगल का कहना है कि खुद को ऑनलाइन ठगी से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है – फर्जी ईमेल को पहचानना और उन पर ध्यान न देना।
ईमेल फ्रॉड से बचने के लिए जरूरी टिप्स
गूगल ने हाल ही में चेतावनी दी कि एक तिहाई से ज्यादा ऑनलाइन यूजर्स को यह समझने में परेशानी होती है कि कौन सा ईमेल असली है और कौन सा फर्जी। इसलिए, गूगल ने जीमेल यूजर्स को यह सलाह दी है कि वे फर्जी ईमेल की पहचान करने के कुछ तरीके सीखें, ताकि वे खुद को ठगी से बचा सकें। यहां कुछ अहम टिप्स दी जा रही हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप ईमेल फ्रॉड से बच सकते हैं:
1. अनजान लोगों के ईमेल से सावधान रहें
अगर आपको किसी अनजान व्यक्ति से ईमेल आता है और वह आपकी निजी जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स, पासवर्ड, या अन्य व्यक्तिगत जानकारी मांग रहा है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं। ऐसे ईमेल खोलने से पहले पूरी तरह से सोचें और किसी भी जानकारी को साझा करने से बचें।
2. जल्दबाजी में कोई फैसला न करें
यदि कोई ईमेल में आपको तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहता है, जैसे कि पासवर्ड रीसेट करना, बैंक डिटेल्स अपडेट करना, या कोई अन्य व्यक्तिगत जानकारी देने के लिए मजबूर करता है, तो उसे नजरअंदाज करें। ईमेल पर जल्दबाजी में प्रतिक्रिया न दें, खासकर अगर वह बैंक या किसी अन्य संस्थान से नहीं आया है।
3. ईमेल भेजने वाले का एड्रेस चेक करें
कभी-कभी धोखेबाजों द्वारा भेजे गए ईमेल सही संस्था के नाम से आते हैं, लेकिन उनका ईमेल एड्रेस असली एड्रेस से अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए, बैंक के नाम से एक ईमेल आ सकता है, लेकिन अगर आप ध्यान से भेजने वाले का ईमेल एड्रेस चेक करेंगे तो पाएंगे कि वह असल में बैंक से संबंधित नहीं है। इसलिए, भेजने वाले का ईमेल एड्रेस हमेशा जांचें।
4. वेबसाइट के डोमेन पर ध्यान दें
धोखेबाज अक्सर असली वेबसाइट के डोमेन से मिलते-जुलते नाम का इस्तेमाल करते हैं। उदाहरण के लिए, असली वेबसाइट का डोमेन “@thisisgoodlink.com” हो सकता है, जबकि धोखेबाज का डोमेन “@thisisagoodlink.support” हो सकता है। इस प्रकार की गलतियों को पहचान कर लिंक पर क्लिक करने से बचें।
5. लिंक पर तुरंत क्लिक न करें
ईमेल में मिले किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से पहले सावधानी बरतें। अगर आपको लिंक पर शक है, तो पहले लिंक पर माउस घुमाकर देखें कि वह असल में कहां जा रहा है। बेहतर होगा कि आप सीधे वेबसाइट का पता टाइप करके वेबसाइट पर जाएं, बजाय लिंक पर क्लिक करने के।
6. ग्रामर और वर्तनी की गलतियों पर ध्यान दें
फर्जी ईमेल अक्सर वर्तनी और ग्रामर की गलतियों से भरे होते हैं। हालांकि, अब धोखेबाज ईमेल को ज्यादा पेशेवर तरीके से लिखते हैं, फिर भी कभी-कभी कुछ गलतियां रह जाती हैं। अगर ईमेल में गलत स्पेलिंग, खराब ग्रामर, या असामान्य फॉन्ट का इस्तेमाल दिखे, तो उसे तुरंत नज़रअंदाज़ करें।
7. पासवर्ड रीसेट के ईमेल को नजरअंदाज करें
यदि आपको ईमेल में कहा जाए कि आपका पासवर्ड रीसेट किया जा रहा है, लेकिन आपने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है, तो यह एक संभावित धोखाधड़ी हो सकती है। ऐसे ईमेल को तुरंत डिलीट कर दें। धोखेबाज कभी-कभी आपके अकाउंट की जानकारी प्राप्त करने के लिए ऐसे झांसे देते हैं।
8. गूगल की सुरक्षा फीचर्स का उपयोग करें
गूगल अपने यूजर्स की सुरक्षा के लिए कई सुरक्षा फीचर्स प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, जीमेल में एक सिक्योरिटी फीचर है जो संदिग्ध ईमेल्स को फिल्टर करता है। आप भी जीमेल के इनबॉक्स में “सिक्योरिटी” और “स्पैम” को चेक करें, ताकि कोई फर्जी ईमेल आपको नुकसान न पहुंचा सके।