तमिलनाडु के कन्याकुमारी में समुद्र पर बना देश का पहला कांच का पुल, जानिए इसकी खासियत और मुख्य बातें

KNEWS DESK, तमिलनाडु के कन्याकुमारी में समुद्र के ऊपर देश का पहला कांच का पुल अब आम लोगों के लिए खोला जा चुका है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस पुल का उद्घाटन सोमवार को किया और यह पुल न केवल कन्याकुमारी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाएगा, बल्कि यह पर्यटकों के लिए एक नई आकर्षण भी बनेगा। यह कांच का पुल विवेकानंद स्मारक और तिरुवल्लुवर प्रतिमा को जोड़ने का काम करेगा, जिससे अब बोट की जरूरत के बिना लोग आसानी से इन दोनों जगह पहुंच सकेंगे।

कांच के पुल की प्रमुख बातें

  1. पुल का आकार और संरचना- यह कांच का पुल 77 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा है, जो समुद्र के ऊपर निर्मित किया गया है। इस पुल से पर्यटकों को न केवल विवेकानंद स्मारक और तिरुवल्लुवर प्रतिमा का अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा, बल्कि वे सूर्योदय और सूर्यास्त का भी आनंद ले सकेंगे। पुल के नीचे समुद्र का दृश्य, इसे और भी खास बनाता है।
  2. कनेक्टिविटी में वृद्धि- इस कांच के पुल का निर्माण एक बड़ी सुविधा है, क्योंकि इससे पहले लोगों को विवेकानंद स्मारक से तिरुवल्लुवर प्रतिमा तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता था। अब, लोग सिर्फ इस पुल को पार करके आसानी से दोनों जगहों के बीच आ-जा सकते हैं।
  3. निर्माण में लागत- इस कांच के पुल का निर्माण तमिलनाडु सरकार ने 37 करोड़ रुपये की लागत से किया है। यह पुल न केवल यात्री आवागमन को सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि यह राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा देगा, खासकर क्योंकि यह समुद्र पर बना देश का पहला कांच का पुल है।
  4. एमके स्टालिन का विजन- यह ग्लास ब्रिज मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का एक प्रमुख प्रोजेक्ट है, जिसका उद्देश्य कनेक्टिविटी बढ़ाना और क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा देना है। उन्होंने इस पुल को कनेक्टिविटी और पर्यटन दोनों के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
  5. एडवांस टेक्नोलॉजी और सुरक्षा- इस पुल का निर्माण एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग करके किया गया है, ताकि यह समुद्र की तेज हवाओं और खतरनाक परिस्थितियों का सामना कर सके। साथ ही, इस पुल पर लोगों की सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया है, ताकि पर्यटक पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करें।

राज्य के लिए महत्वपूर्ण पहल

लोक निर्माण और राजमार्ग मंत्री ई वी वेलु ने पुल के निर्माण के बारे में कहा, “यह एक चुनौतीपूर्ण काम था क्योंकि हमें समुद्र के ऊपर और तेज हवाओं जैसी मुश्किलों का सामना करने के लिए विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़ी।” उन्होंने यह भी कहा कि यह कांच का पुल कन्याकुमारी में पर्यटन के आकर्षण का केंद्र बनेगा।

About Post Author