विनेश फोगाट का ओलंपिक पदक सपना टूटा, CAS ने संयुक्त रजत पदक की याचिका खारिज की

KNEWS DESK- भारतीय पहलवान विनेश फोगाट का ओलंपिक पदक जीतने का सपना एक और मोड़ पर आकर टूट गया है। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) ने उनकी संयुक्त रजत पदक देने की याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को अब नए विकल्प तलाशने की आवश्यकता होगी। CAS के इस फैसले ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को लगभग समाप्त कर दिया है, जो पूरे देश और कुश्ती जगत के लिए बेहद महत्वपूर्ण था।

विनेश फोगाट की प्रतिक्रिया और तस्वीर

CAS के निर्णय के बाद, विनेश फोगाट ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर साझा की। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वह मैट पर लेटी हुई हैं और अपने सिर पर हाथ रखे हुए हैं। तस्वीर के साथ कोई कैप्शन नहीं दिया गया, लेकिन इस तस्वीर से उनके दर्द और निराशा का संकेत मिलता है। यह तस्वीर उनके पेरिस ओलंपिक अभियान के सबसे अच्छे दौर की है, जब उन्होंने महिलाओं के 50 किग्रा कुश्ती के राउंड ऑफ 16 मुकाबले में जापान की डिफेंडिंग चैंपियन युई सुसाकी को हराया था। यह सुसाकी की पहली हार थी, जो उनके सीनियर करियर में अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में पहली बार हुआ था।

विनेश का शानदार प्रदर्शन और बाद की चुनौतियाँ

विनेश ने अपने शानदार प्रदर्शन के चलते क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की पूर्व विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक विजेता ओक्साना लिवाच और सेमीफाइनल में क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन को हराया। इन जीतों के साथ, वह कुश्ती में ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। हालांकि, अगली सुबह उनका नाम गोल्ड मेडल के मुकाबले के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया, क्योंकि उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया था।

CAS के निर्णय और IOA की प्रतिक्रिया

विनेश ने CAS से मांग की थी कि उन्हें गोल्ड मेडल जीतने वाले पहलवान के साथ संयुक्त रजत पदक प्रदान किया जाए। विनेश से सेमीफाइनल में हारने वाली गुजमैन ने फाइनल में अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांड्ट से मुकाबला किया, और हार का सामना किया। CAS ने कई बार फैसले को टाला, लेकिन अंततः विनेश की याचिका को खारिज कर दिया।

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने इस फैसले पर अपनी हैरानी और निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि CAS का निर्णय भारतीय खेल जगत के लिए एक बड़ा झटका है, और यह भारतीय एथलीटों के लिए एक महत्वपूर्ण सीख है। विनेश फोगाट का यह अभियान कुश्ती जगत में एक महत्वपूर्ण क्षण था, और उनके समर्पण और कड़ी मेहनत को पूरी दुनिया ने सराहा। हालांकि CAS के फैसले से उनकी पदक की उम्मीदें समाप्त हो गई हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन और उनके द्वारा किए गए प्रयास हमेशा याद रखे जाएंगे।

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