KNEWS DESK- आज है सावन की शिवरात्रि है। वैसे तो हर महीनेशिवरात्रि का पर्व आता है, लेकिन आज यानी 02 अगस्त के दिन सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। ये दिन शिव जी की पूजा करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर महादेव की पूजा के साथ-साथ शिवलिंग का जलाभिषेक करने पर मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं। साथ ही सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
सावन माह की शिवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन कावड़ यात्री शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाते हैं। ऐसी मान्यता है कि शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का दिन होता है। सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखने, पूजा करने, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और व्रत आदि का विधान होता है। इस बार सावन शिवरात्रि बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कई सारे शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है। दरअसल, आज वज्र योग, हर्ष योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग आज सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और समापन 3 अगस्त यानी कल सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर होगा।
सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 31 मिनट से 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
विजय मुहूर्त – दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से 3 बजकर 37 मिनट तक रहने वाला है।
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 13 मिनट तक होगा।
निशिता मुहूर्त – रात 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग – 2 अगस्त 2024 सुबह 10 बजकर 59 मिनट से 3 अगस्त 2024 को सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।
सावन शिवरात्रि पूजा सामग्री
भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग, बेर, गुलाल और सफेद चंदन को शामिल करें। साथ ही दूध दही, कपूर, धूप, दीप, रूई, शहद, घी,पंच फल, गन्ने का रस, गंगाजल, और श्रृंगार की सामग्री को भी रखें। माना जाता है कि इन सामग्रियों से पूजा करने पर महादेव प्रसन्न होते हैं।
जलाभिषेक विधि
सावन शिवरात्रि पर यदि आप महादेव का जलाभिषेक करते हैं, तो सबसे पहले शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गन्ने के रस से अभिषेक करें। इसके बाद एक लोटे में गंगाजल लें। जल में काला तिल मिलाकर रख लें। फिर शिव जी के मंत्र का जाप करें। अब इस जल को शिवलिंग पर अर्पित कर दें। इसके बाद आप फूल, फल और मिठाई आदि चीजों को अर्पित करते जाएं। बाद में आटे का चौमुखी दीपक जलाकर महादेव की आरती करें।
पूजन विधि
सावन शिवरात्रि पर सुबह ही स्नान कर लें। फिर पूजा स्थल पर सभी सामग्रियों को एकत्रित करते हुए, पूजा की तैयारी शुरू करें। घर या मंदिर जहां भी पूजा करनी है, वहां पर अपना स्थान लें। सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद शिव जी को बेलपत्र, धतूरा और गंगाजल चढ़ाएं। फिर महादेव को आक का फूल अर्पित करें। अंत में शिव चालीसा का पाठ करें|भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें उसके बाद शिव जी की आरती करें|