फाल्गुन मास की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से लोगों को कई तरह लाभ होते हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ के भक्त उनकी आराधना कर अपनी मनोकामना मांगते हैं। पौराणिक कथाओं में कहा गया है की भगवान शिव उदार भाव के है जिनको प्रसन्न करना और देवताओं की अपेक्षा काफी आसान है। भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग काफी पसंद है, वह इस सब व्यंजनों को चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं।
शिव लिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का तरीका
पूजा में इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुओं में से एक बेलपत्र काफी विशेषता रखता है। कहा जाता है कि भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाते समय बेलपत्र के ऊपर चंदन या अष्टगंध से ॐ या फिर शिव जी का पंचाक्षरी मंत्र ॐ नमः शिवाय लिखकर अर्पित करें।
जेब में बेलपत्र रखने के फायदे
ऐसी भी मान्यता है कि शिवलिंग पर बेलपत्र रखकर शिव जी का स्पर्श पाकर आप उसे अपने पास रख लें। ऐसा करने से आपको जल्द ही शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं. इसके अलावा ये भी मान्यता है कि शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ बेलपत्र अपने पास रखने से मानसिक स्वास्थ्य खुशहाली और आपकी मनोकामनाएं जल्द ही पूरी होती हैं.
भगवान शिव को अर्पित करें ये वस्तुएं
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र के अलावा अन्य कई चीजें भी अर्पित की जाती हैं। जिनमें दूध, गंगा जल, चीनी, दही, पुष्प, श्रीफल,शहद और रुद्राक्ष शामिल हैं। शिवलिंग पर ये सभी वस्तुएं चढ़ाने के बाद ॐ नमः शिवाय मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्त होती है।
महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
महामृत्युंजय मंत्र का जाप विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता है। अकाल मृत्यु, महारोग, धन-हानि, गृह क्लेश, ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, सजा का भय, प्रॉपर्टी विवाद, समस्त पापों से मुक्ति आदि जैसे स्थितियों में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। इसके चमत्कारिक लाभ देखने को मिलते हैं। इन सभी समस्याओं से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है।