शारदीय नवरात्रि 2024: अगर सुबह नहीं कर पाए हैं घटस्थापना, तो जानें कलश स्थापना का द्वितीय शुभ मुहूर्त, मां दुर्गा होगी प्रसन्न, घर में सुख, सौभाग्य की होगी प्राप्ति

KNEWS DESK – आज से शारदीय नवरात्रि का पावन उत्सव शुरू हो चुका है, जिसे देवी मां के भक्त बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाते हैं। यह त्योहार शक्ति की उपासना का प्रतीक है, जिसमें मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है, और लोग अपने घरों में भी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

Shardiya Navratri 2024: इस दिन से होगी नवरात्रि की शुरुआत.....कलश स्थापना मुहूर्त समेत माता के विभिन्न स्वरूपों की पूजा विधि तक यहां लें पूरी जानकारी ...

घटस्थापना महत्व और विधि

घटस्थापना, जिसे कलश स्थापना भी कहा जाता है, नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इस दिन भक्त अपने घरों में कलश स्थापित करते हैं, जिसमें जल और अनाज भरा जाता है। इसे देवी मां के प्रतीक के रूप में माना जाता है। घटस्थापना के माध्यम से भक्त देवी मां की कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं।

नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 2024

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को रात 12 बजकर 18 मिनट से आरंभ हो चुकी है और इसका समापन 4 अक्टूबर को रात 2 बजकर 58 मिनट पर होगा। घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार है| यदि आप सुबह का समय नहीं प्राप्त कर पाए हैं, तो अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना कर सकते हैं-

  • प्रथम शुभ मुहूर्त: 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक।
  • अभिजीत मुहूर्त: 3 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक।

यदि किसी कारणवश पहला मुहूर्त उपलब्ध नहीं हो पाया, तो अभिजीत मुहूर्त में भी घटस्थापना की जा सकती है।

घटस्थापना का अशुभ समय

प्रतिपदा तिथि के पहले एक तिहाई भाग में घटस्थापना करना सर्वाधिक शुभ माना जाता है। किन्तु चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग में घटस्थापना नहीं करनी चाहिए। मध्याह्नकाल, रात्रिकाल, और सूर्योदय के उपरांत सोलह घटी के बाद का कोई भी समय घटस्थापना के लिए वर्जित है। खासकर, अमावस्या और रात्रिकाल में घटस्थापना निषिद्ध होती है, क्योंकि यह देवी मां को नाराज कर सकता है।

Navratri 2020 Ghatasthapana Vidhi Niyam: ये है नवरात्र में कलश स्‍थापना की व‍िध‍ि, इन न‍ियमों का रखें ध्‍यान, navratri 2020 ghatasthapana kalash sthapna ka shubh muhurt vidhi Niyam

कलश स्थापना का मंत्र

घटस्थापना के समय कलश स्थापना के साथ यह मंत्र भी उच्चारण किया जाता है:

ओम आ जिघ्र कलशं मह्या त्वा विशन्त्विन्दव:।
पुनरूर्जा नि वर्तस्व सा नः सहस्रं धुक्ष्वोरुधारा पयस्वती पुनर्मा विशतादयिः।।
इस मंत्र का जाप करते समय भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ देवी मां से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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