KNEWS DESK, राधा अष्टमी, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है, जो श्री राधा रानी के अवतरण दिवस के रूप में महत्वपूर्ण है। इस पवित्र दिन को राधा रानी की पूजा और अर्चना के साथ-साथ व्रत रखकर भी मनाई जाती है।
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर को रात 11 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और 11 सितंबर को रात 11 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार, राधा अष्टमी 11 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। वहीं राधा अष्टमी पर श्री राधा रानी को उनके प्रिय भोग अर्पित करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आइए जानते हैं कि राधा अष्टमी पर श्री राधा रानी को कौन-कौन से भोग अर्पित किए जा सकते हैं जिससे आपको उनका आर्शीवाद मिलेगा।
राधा अष्टमी पर भोग अर्पित करने की विधि
मालपुआ
श्री राधा रानी को मालपुआ का भोग अर्पित करने की विशेष मान्यता है। शास्त्रों के अनुसार, मालपुआ को पूजा थाली में शामिल करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और ग्रह क्लेश से मुक्ति मिलती है। मालपुआ को विशेष रूप से राधा अष्टमी के दिन अर्पित करना शुभ माना जाता है।
रबड़ी और फल
राधा रानी की पूजा में रबड़ी और ताजे फल भी शामिल किए जा सकते हैं। मान्यता है कि रबड़ी और फल अर्पित करने से किशोरी प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
घर का बना भोग प्रसाद
राधा अष्टमी के दिन देवी को घर का बना भोग प्रसाद अर्पित करना उत्तम माना जाता है। इसमें तुलसी, पंचामृत, पंजीरी, खीर, हलवा, मालपुआ, पूरी, और चना शामिल किए जा सकते हैं। यह भोग प्रसाद राधा रानी की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया जाता है।