KNEWS DESK, हिंदू धर्म में एकादशी तिथियों का विशेष महत्व है, और उन्हीं में से एक है पुत्रदा एकादशी। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख प्राप्ति और संतान की लंबी आयु के लिए किया जाता है। साल में दो बार यह व्रत होता है एक बार पौष माह में और दूसरी बार श्रावण माह में। वर्ष 2025 की पहली पुत्रदा एकादशी का व्रत शुक्रवार 11 जनवरी को रखा जाएगा और इसका पारण शनिवार 12 जनवरी को किया जाएगा। इस दिन को लेकर विशेष मान्यताएं और दान की विधियां हैं, जिनसे संतान सुख और समृद्धि के लिए वरदान प्राप्त किया जा सकता है।
पुत्रदा एकादशी का महत्व
पुत्रदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से उन परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है, जो संतान सुख प्राप्ति के लिए चिंतित हैं या जो अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त इस दिन विशेष प्रकार के दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
पुत्रदा एकादशी पर दान के लाभ
हिंदू धर्म में दान को विशेष महत्व दिया गया है और पुत्रदा एकादशी के दिन किए जाने वाले दान से व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन कुछ विशेष चीजों का दान करने से संतान सुख के साथ-साथ जीवन में सुख और समृद्धि का वरदान भी मिलता है।
1. अन्न का दान
पुत्रदा एकादशी के दिन अन्न दान को महादान माना जाता है। अन्न दान करने से व्यक्ति की दरिद्रता दूर होती है और उसे समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यह व्यक्ति के जीवन में आ रही समस्याओं को दूर करता है।
2. हल्दी का दान
हल्दी को हिंदू धर्म में शुभ और पवित्र माना जाता है। इसे समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन हल्दी का दान करने से व्यक्ति के ग्रह दोष समाप्त होते हैं और वह समृद्धि की ओर अग्रसर होता है।
3. तुलसी के पौधे का दान
तुलसी का पौधा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे आर्थिक समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है। पौष पुत्रदा एकादशी के दिन तुलसी का पौधा दान करने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है और जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता।
4. वस्त्र का दान
पुत्रदा एकादशी के दिन वस्त्र का दान करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यह दान दरिद्रता को दूर करता है और जीवन में सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
व्रत और पूजा विधि
पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने के लिए दिनभर उपवासी रहना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए और विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्तों और पीले फूलों का भोग अर्पित किया जाता है। साथ ही संतान के स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की जाती है।