KNEWS DESK, भगवान गणेश की पूजा-पाठ करते समय कुछ ऐसी चीज है जिसे गणपति जी पर चढ़ाने की मनाही है। उनकी उपासना सभी देवी-देवताओं से पहले की जाती है लेकिन उनपर एक चीज चढ़ाने से उनके भक्त को पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
गणेश चतुर्थी हिन्दू कैलेंडर के भाद्रपद महीने की चौथी तिथि को मनाई जाती है। जिसका समापन 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के पर्व के दिन होता है। इस बार की गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जाएगी। 7 सितंबर को भगवान गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:03 मिनट से लेकर दोपहर 01:33 मिनट तक है और विर्सजन 17 सितंबर को किया जाएगा। गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत शुभ माना जाता है और गणपति जी मूर्ति घर में विराजमान करने से परिवार में सुख-समृध्दि बनी रहती है। लेकिन गणेश जी की पूजा करते समय उनपर तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। यदि आप उनपर तुलसी अर्पण करते हैं तो आपको पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलेगा।
बता दें कि भगवान गणेश पर तुलसी न चढ़ाने के पीछे भी एक पौराणिक कहानी है। बताया जाता है कि एक दिन भगवान गणेश ध्यान लगाएं बैठे हुए थे। इसी बीच माता तुलसी का आगमन हुआ। गणेश जी को देखते ही देवी तुलसी माता उनकी तरफ मोहित हो गई और उन्होनें भगवान गणेश का ध्यान भंग कर दिया। साथ ही उन्होनें उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। वहीं इस प्रस्ताव को सुनने के बाद भगवान गणेश को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने गुस्से में आकर तुलसी देवी को श्राप दिया कि, ‘तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा।’ इसी के साथ उन्होंने देवी को कहा कि, ‘मेरी पूजा में कभी भी आपका नाम नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा मेरी उपासना में आपका प्रयोग भी नहीं किया जाएगा।’ इसलिए गणेश जी की पूजा में तुलसी चढ़ाने की मनाही है। वहीं भगवान गणेश के अलावा देवी तुलसी ने भी गणेश जी को श्राप दिया था कि, ‘उनकी दो शादियां होंगी।’ शिव पुराण के अनुसार, गणेश जी की दो पत्नियां है, जिनका नाम रिद्धि और सिद्धि है। इसी वजह से आज भी भगवान गणेश की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।