KNEWS DESK – धनतेरस, जो नरक चतुर्दशी से एक दिन पूर्व मनाया जाता है, दीपोत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, और कुबेर जी की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, जिससे स्वास्थ्य और समृद्धि का संचार हुआ। यह दिन केवल धन और वैभव का ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की सुरक्षा का भी प्रतीक है। कहते हैं कि इस दिन पूजा करने से जीवन में आर्थिक तंगी नहीं आती और स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
धनतेरस 2024 का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष धनतेरस का पर्व 28 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है:
- धनतेरस पूजा मुहूर्त: सायं 06:31 से रात्रि 08:13 तक
- प्रदोष काल: सायं 05:38 से रात्रि 08:13 तक
- वृषभ काल: सायं 06:31 से रात्रि 09:27 तक
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:48 से 05:40 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 01:56 से 02:40 तक
- गोधूलि मुहूर्त: सायं 05:38 से 06:04 तक
धनतेरस पूजा विधि
स्नान और वस्त्र: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मंदिर की सफाई: मंदिर की सफाई करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें।
प्रतिमाएं स्थापित करें: चौकी पर मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर जी की प्रतिमा को विराजमान करें।
दीपक और तिलक: दीपक जलाएं, चंदन का तिलक लगाएं और आरती करें।
मंत्र जप: कुबेर जी के मंत्र “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” का 108 बार जप करें और धनवंतरी स्तोत्र का पाठ करें।
भोग लगाएं: मिठाई और फल समेत अन्य चीजों का भोग लगाएं।
दान: श्रद्धा अनुसार दान करें, इससे धन लाभ के योग बनते हैं।
खरीदारी का महत्व
धनतेरस पर सोने, चांदी, बर्तन और आभूषण की खरीदारी करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदारी करने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है
खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन खरीदारी करने के लिए तीन विशेष शुभ मुहूर्त हैं:
पहला मुहूर्त: प्रातः 07:50 से 10:00 बजे तक (वृश्चिक लग्न)
दूसरा मुहूर्त: दोपहर 02:00 से 03:30 बजे तक (कुंभ लग्न)
तीसरा मुहूर्त: संध्या 06:36 से 08:32 बजे तक (प्रदोष काल)