KNEWS DESK- आज से हिंदू कैलेंडर का छठा महीना शुरू होने जा रहा है। धार्मिक दृष्टि की लिहाज से ये माह बेहद ही खास माना जाता है क्योंकि इस महीने में श्रीकृष्ण और गणेश जी का जन्म हुआ था। वहीं दूसरी तरफ सुख-सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस महीने हरतालिका तीज और कजरी तीज का भी व्रत रखा जाता है।
इस महीने में पितृ पक्ष की शुरुआत भी होती है। आज 20 अगस्त से इस माह की शुरुआत होगी और 17 सितंबर 2024 को इसका समापन होगा। इस माह में स्नान-दान के साथ-साथ ध्यान करना काफी अच्छा माना जाता है। इसके अलावा इस महीने में ऋतु परिवर्तन भी होता है।
धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि भाद्रपद के महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने, गरीबों को दान करने और व्रत रखने से बहुत लाभ होता है| इस पूरे महीने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं| भाद्रपद में घर पर लड्डू गोपाल की स्थापना करने, शंख की स्थापना करने और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से धन, यश और वैभव की प्राप्ति होती है, साथ ही भाद्रपद में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर संतान गोपाल मंत्र का जाप करने और हरिवंश पुराण का पाठ करने या सुनने से संतान सुख की प्राप्ति होती है|
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस महीने को इतना शुभ इसलिए माना जाता है क्योंकि इस महीने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के साथ राधा जन्मोत्सव, कजरी तीज, श्री गणेश चतुर्थी, अनंत चतुर्दशी, कुश की अमावस्या, विश्वकर्मा पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी पड़ते हैं|
भगवान गणेश, श्रीकृष्ण और विष्णु जी की पूजा का महीना
- भाद्रपद महीने में गणेश चतुर्थी पर दस दिनों का गणेशोत्सव शुरू होगा, जो कि 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी पर खत्म होगा|
- इन दिनों में भगवान गणेश की विशेष आराधना करने की परंपरा है, भाद्रपद में श्रीकृष्ण की पूजा से पाप खत्म होते हैं और परेशानियां दूर होती हैं|
- इन दिनों शंख में दूध और जल भरकर श्रीकृष्ण का अभिषेक करना चाहिए| फिर भगवान को नैवेद्य लगाएं| भगवान विष्णु की भी पूजाा करनी चाहिए| इस पवित्र महीने में भगवान विष्णु और उनके अवतारों की विशेष पूजा करने की बात ग्रंथों में बताई गई है|
- इस महीन रोज सुबह जल्दी उठकर उगते हुए सूरज को जल चढ़ाने का विधान ग्रंथों में बताया है| सूर्य को जल चढ़ाने में तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें|
- भाद्रपद महीने में भगवान कृष्ण को हर रोज तुलसी दल और माखन का भोग लगाएं| ऐसा करना बेहद ही शुभ माना जाता है|
भाद्रपद माह में क्या करें
- आयुर्वेद के जानकारों का कहना है कि भाद्रपद, चातुर्मास के चार महीनों में दूसरा है| इस महीने में ऋतु परिवर्तन होता है, जिससे शरीर में बदलाव भी होते हैं और डायजेशन गड़बड़ा जाता है|
- इस महीने में ज्यादा तला हुआ और मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए| ऐसे चीजे न खाएं जिनको पचने में ज्यादा समय लगता हो|
- सेहतमंद चीजों को खाने में शामिल करें| भाद्रपद में जानकार योग, प्राणायाम और कसरत करने की सलाह भी देते हैं|
- भाद्रपद माह शुरू होते भगवान श्री कृष्ण को तुलसी अर्पित करनी चाहिए और साथ ही साधक को खुद भी तुलसी के जल का सेवन करना चाहिए|
- भाद्रपद महीने में मनुष्य को सात्विक भोजन ही करना चाहिए|
भाद्रपद माह में क्या न करें
- भाद्रपद में कच्ची चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, इस महीने में मनुष्य को भूलकर भी दही और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए|
- सावन महीने की तरह भाद्रपद महीने में भी मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए| शास्त्रों में कहा गया है कि जो भी मनुष्य इस महीने में मांस और मदिरा का सेवन करता है| उसे सभी देवता रुष्ट हो जाते हैं|
- धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद के महीने में रविवार के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए, ना ही रविवार के दिन इस महीने में नमक का प्रयोग करना चाहिए|
भाद्रपद महीने के व्रत त्योहार
22 अगस्त, गुरुवार – कजरी तीज
24 अगस्त, शनिवार – बलराम जयंती
25 अगस्त, रविवार – भानू सप्तमी
26 अगस्त, सोमवार – कृष्ण जन्माष्टमी
27 अगस्त, मंगलवार – दही हांडी
29 अगस्त, गुरुवार – अजा एकादशी
31 अगस्त, शनिवार – प्रदोष व्रत
2 सितंबर, सोमवार – भाद्रपद अमावस्या
6 सितंबर, शुक्रवार – हरतालिका तीज, वराह जयंती
7 सितंबर, शनिवार – गणेश चतुर्थी
8 सितंबर, रविवार – ऋषि पंचमी
10 सितंबर, मंगलवार – ललिता सप्तमी
11 सितंबर, बुधवार – राधा अष्टमी, महालक्षमी व्रत की शुरूआत
14 सितंबर. शनिवार – परिवर्तिनी एकादशी
15 सितंबर, रविवार – प्रदोष व्रत, वामन जंयती
16 सितंबर, सोमवार – विश्वकर्मा पूजा, कन्या संक्रांति
17 सितंबर, मंगलवार पूर्णिमा श्राद्ध, गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी
18 सितंबर, बुधवार – पितृ पक्ष प्रारंभ, आंशिक चंद्र ग्रहण