Knews Desk, केदारनाथ उपचुनाव के बीच उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा अपने समापन की ओर है। केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तैयारी चल रही है।17 नवंबर को बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा-2024 का समापन हो जाएगा। राज्य सरकार को इस वर्ष की चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं उल्टा इस वर्ष की यात्रा पिछले वर्ष के आंकड़े को भी नहीं छू पाई.बता दें कि चारधाम यात्रा-2024 में करीब 44 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये हैं। जबकि पिछले वर्ष 2023 की यात्रा में 56 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारोधामों के दर्शन किये थे। दअरसल कांग्रेस का आरोप है सरकार ने चारधाम यात्रा को सकुशल चलाने के लिए कोई तैयारी नहीं की जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई है। वहीं भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के नकारात्मक यात्रा के प्रचार से देश विदेश के श्रद्धालुओं में गलत संदेश गया जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट…वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे को केदारनाथ उपचुनाव में भुनाने का भी फैसला लिया है। कांग्रेस का कहना है कि केदारनाथ उपचुनाव में सरकार की चारधाम यात्रा को लेकर की गई अव्यवस्था, दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास, केदारनाथ मंदिर से सोना चोरी के मामले के साथ ही तमाम मुद्दों को लेकर कांग्रेस जनता के बीच में जा रही है। बता दे कि केदारनाथ उपचुनाव के लिए अब बस करीब दो सप्ताह का ही रह गया है। वहीं 20 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले भाजपा-कांग्रेस अब अपने अपने स्टार प्रचारकों के कार्यक्रमों को निर्धारित करने लगे हैं। साथ ही दोनों ही जीत के दावे भी करने लगे हैं। सवाल ये है कि आखिर क्यों तमाम प्रयासों के बाद भी श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई है। और क्या केदारनाथ उपचुनाव में भाजपा को ये मुद्दा भारी पड़ने वाला है
उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अब करीबन 2 सप्ताह का ही समय शेष रह गया है….इसको देखते हुए केदारनाथ में भाजपा-कांग्रेस के ताबड़तोड़ चुनावी कार्यक्रम शुरू होने जा रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम केदारनाथ में आयोजित किए जाएंगे….वहीं कांग्रेस भी अपने स्टार प्रचारकों के कार्यक्रमों की तैयारियों में जुट गई है। आपको बता दे की केदारनाथ में 20 नवंबर को मतदान होना है जबकि 23 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे…वहीं दोनों ही दल इस चुनावी दंगल को जीतने का भी दावा कर रहे हैं।
वही केदारनाथ उपचुनाव से पहले कांग्रेस के हाथ एक बड़ा मुद्दा लग गया है। दअरसल मौजूदा चारधाम यात्रा अपने समापन की ओर है। राज्य सरकार को इस वर्ष की चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं..बता दें कि चारधाम यात्रा-2024 में करीब 44 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किये हैं। जबकि पिछले वर्ष 2023 की यात्रा में 56 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारोधामों के दर्शन किये थे। दअरसल कांग्रेस का आरोप है सरकार ने चारधाम यात्रा को सकुशल चलाने के लिए कोई तैयारी नहीं की जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आई है। वहीं भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस के नकारात्मक यात्रा के प्रचार से देश विदेश के श्रद्धालुओं में गलत संदेश गया जिससे श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट…वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे को केदारनाथ उपचुनाव में भुनाने का भी फैसला लिया है।
कुल मिलाकर उत्तराखंड की आर्थिकी का बड़ा जरिया पर्यटन और तीर्थाटन है. प्रदेश की चारधाम यात्रा से प्रदेश को काफी उम्मीदें है। यही वजह है कि सरकार अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है जिससे श्रद्धालुओँ की संख्या में इजाफा हो… बावजूद इसके श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट आई है। वहीं अब इस गिरावट के पीछे राजनीतिक दल अपने अपने तर्क दे रहे हैं। देखना होगा इन अनुभवों से सरकार क्या सबक लेती है।