उत्तराखंड- देशभर में महंगाई पर मचे सियासी घमासान के बीच नीति आयोग की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। दअरसल नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें नीति आयोग का दावा है कि उत्तराखंड में बहुआयामी गरीबी में आठ फीसदी तक कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार आठ लाख से ज्यादा लोग गरीबी की रेखा से ऊपर आए हैं। वहीं देश में यह आंकड़ा 13.50 करोड़ लोगों के जीवन स्तर में सुधार से जुड़ा है। उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में देखें तो वर्ष 2015-16 और 2019-21 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे को आधार बनाया गया है इसके अनुसार इन पांच साल के दौरान राज्य की बहुआयामी गरीबी में आठ फीसदी की गिरावट आई। वर्ष 2015-16 में राज्य में बहुआयामी गरीबी में रहने वाले लोगों का प्रतिशत कुल 17.67 था। जो कि वर्ष 2019-21 तक गिर कर महज 9.6 रह गया है। नीति आयोग की इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद राज्य में इस पर सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी ने इस रिपोर्ट का स्वागत करते हुए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को इसके पीछे बड़ी वजह बताया है। जबकि विपक्षी दलों ने इस रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि धरातल पर स्थिति काफी खराब है। मोदी सरकार के आने के बाद से लोगों की आर्थिक स्थिति और खराब हुई है। वहीं आम जनता की इस रिपोर्ट में मिली जुली राय देखने को मिल रही है।
नीति आयोग की रिपोर्ट में अल्मोड़ा की स्थिति काफी बेहतर बताई गई है। वहीं नीति आयोग की इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद राज्य में इस पर सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी ने इस रिपोर्ट का स्वागत करते हुए केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को इसके पीछे बड़ी वजह बताया है। बीजेपी का कहना है कि आयुष्मान योजना, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अनाज समेत तमाम योजनाओं से आम जनता को इसका लाभ मिला है और आम जनता के जीवन में सुधार हुआ है।
कुल मिलाकर नीति आयोग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद राज्य में सियासत गरमा गई है। पक्ष- विपक्ष के अपने- अपने तर्क हैं। वहीं पिछले दिनों आदि कैलाश के दर्शन को आए पीएम नरेंद्र मोदी ने भी गरीबी की रेखा के नीचे रह रहे लोगों के जीवन में आए बदलावों को प्रमुखता से साझा किया था। वहीं नीति आयोग की रिपोर्ट ने पीएम मोदी की इस बात को सही साबित किया है।
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