उत्तराखंड : चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी देश ही नहीं बल्की दुनिया में भी प्रसिद्ध है। इसलिए इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। हर साल देश विदेश से सैकड़ों पर्यटक यहां आते है, और प्रकृति का अद्भुत नजारा देखते हैं। फूलों की घाटी जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है। लेकिन घाटी में पैदल मार्ग पर बने हिमखण्डों के कारण इस वर्ष थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। हिमखण्डो के कारण घाटी खोलने की तिथि बढ़ सकती है।
इस बार पर्यटकों को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है
वन विभाग की एक टीम जो पैदल मार्ग का निरीक्षण करने गई उसने अपनी रिपोर्ट में पार्क प्रशासन को बताया कि आए दिन घाटी में हो रही बर्फबारी के कारण हिमखण्ड काटकर पैदल मार्ग खोलना जोखिम भरा हो सकता है। इसको देखते हुए वन विभाग ने एक टीम बनायी जो घांघरिया में कैम्प किए हुए है, और बर्फ के पिघलने की प्रतीक्षा कर रही है।
बारह हजार फीट की उंचाई पर स्थित है, घाटी
विश्व धरोहर फूलों की घाटी काफी उंचाई पर स्थित है। समुद्र से इसकी ऊंचाई 12996 फीट की है। लेकिन घाटी में इसबार भारी बर्फबारी हुई। जिसके चलते ग्लेशियर प्वाइंट पर काफी बड़े हिमखण्ड के साथ ही छोटे हिमखण्ड भी पैदल मार्ग में हैं। इस सम्बन्ध में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभागीय वनाधिकारी बी. मातौलिया ने कहा कि हिमखण्डों को काटना जोखिमभरा है। ये आकार में भी काफी बड़े हैं। ऐसे में काटने के दौरान हिमस्खलन भी हो सकता है। ऐसे मे वन विभाग, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें हिमखण्डों का मुआयना करेगी। मार्ग न खुलने की स्थिती में घाटी खुलने की तारीख को बढ़ाया जा सकता है।