उत्तराखंड- देवभूमि उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग के बीच बिजली के दामों में हुई बढ़ोतरी ने राज्य में सियासत को गरमा दिया है। दअरसल उर्जा प्रदेश उत्तराखंड में एक बार फिर से बिजली के दामों को बढ़ाया गया है। बिजली दरों में 6.92 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है। बीपीएल श्रेणी के अलावा हर श्रेणी पर बिजली दरों को बढ़ाया गया है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने नई दरों का ऐलान किया है। नई दरें उपभोक्ताओं पर एक अप्रैल से ही लागू होंगी। इतना ही बिजली दरों के साथ ही फिक्स चार्ज में भी बढ़ोतरी की गई है। राज्य में लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं को महंगाई का बड़ा झटका लगा है। वहीं विपक्ष ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ ही सरकार से इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखकर पहले से महंगाई की मार झेल रही जनता पर बिजली के दाम बढ़ाकर और महंगाई का बोझ ना डालने की मांग की है। वहीं महंगी बिजली के बीच राज्य में पेयजल का संकट भी गहरा गया है। पूरे प्रदेशभर में पानी की किल्लत देखने को मिली है। वहीं देहरादून में बढ़ती पेयजल की समस्याओँ की निस्तारण के लिए जिला प्रशासन ने कंट्रोल रूम बनाया है जिसमें रोजाना 25 से 30 शिकायतें प्राप्त हो रही है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी ने पेयजल की बढती किल्लत को देखते हुए हल्द्वानी में अधिकारियों की बैठक ली। इसके साथ ही समस्याग्रस्त क्षेत्रों का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। वहीं वनाग्नि की बढ़ती घटनाओँ पर भी मुख्यमंत्री ने चिंता जताते हुए सेना से मदद मांगी थी जिसके बाद MI-17 हेलीकॉप्टर से आग को बुझाने का कार्य किया जा रहा है।
पहाड़ प्रदेश उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग थमने का नाम नहीं ले रही है। जंगलों में लगी आग से अबतक 650 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जलकर राख हो गये हैं। वनों में आग लगने से एक और जहां वन संपदा को नुकसान हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर पहाड़ में रह रही जनता को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जंगलों में लगी आग अब रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई है। जिसने सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है। हांलाकि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि जल्द वनाग्नि पर काबू पा लिया जाएगा। राज्य सरकार ने सेना से मदद मांगी है जिसके बाद एमआई-17 हेलीकॉप्टर से आग बुझाने का कार्य किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री समय रहते यह निर्णय लेते तो आग पर काबू पाया जा सकता था।
वहीं एक तरफ जहां पहाड़ की जनता वनाग्नि से परेशान है तो वहीं दूसरी ओर जनता पर सरकार ने एक बार फिर महंगाई का बोझ डाला है। दअरसल ऊर्जा प्रदेश उत्तराखंड में में एक बार फिर से बिजली के दामों को बढ़ाया गया है। बिजली दरों में 6.92 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है। बीपीएल श्रेणी के अलावा हर श्रेणी पर बिजली दरों को बढ़ाया गया है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने नई दरों का ऐलान किया है। नई दरें उपभोक्ताओं पर एक अप्रैल से ही लागू होंगी। इतना ही बिजली दरों के साथ ही फिक्स चार्ज में भी बढ़ोतरी की गई है। राज्य में लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं को महंगाई का बड़ा झटका लगा है। वहीं विपक्ष ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ ही सरकार से इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। ऐसा ना करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है। वहीं आम जनता ने भी सरकार के इस फैसले को जनता की कमर तोड़ने वाला फैसला बताया है।
कुल मिलाकर पहाड़ प्रदेश उत्तराखंड की जनता एक ओर जहां वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं से परेशान है. तो वहीं दूसरी ओर बिजली के बढ़ते दामों ने आम जनता की परेशानी को और बढ़ा दिया है। सवाल ये है कि क्या राज्य सरकार बिजली बढ़ोतरी के दामों को वापस लेगी, क्या सेना की मदद से सरकार वनाग्नि की रोकथाम कर पाने में सफल होगी।
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