KNEWS DESK- सवान के पहले सोमवार को देवभूमि उत्तराखंड में तेज बारिश के बाद जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पहाड़ से लेकर मैदान तक बारिश का कहर देखने को मिला है। एक और जहां पहाड़ों में लैंडस्लाईंडिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं। तो वहीं दूसरी ओर मैदानी क्षेत्रों में भारी जल भराव देखने को मिल रहा है। सड़कें नदियों में तब्दील हो गई हैं। आलम ये है कि कई कई घंटों का जाम राजधानी देहरादून समेत तमाम जनपदों में देखने को मिल रहा है। वहीं सोमवार से कांवड़ यात्रा भी प्रारंभ हो गई है। ऐसे में तमाम कांवड़ियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं देहरादून में तेज बारिश के बाद हुए जलभराव के बाद लोगों के घरों और दुकानों में सड़कों का पानी घुस गया, जिससे लोगों का लाखों का सामान पानी में खराब हो गया। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र का औचक निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया। साथ ही अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए हैं| वहीं देहरादून में हुए भारी जलभराव के बाद विपक्ष ने एक बार फिर स्मार्ट सिटी के कार्यों पर सवाल खड़े कर दिये हैं। विपक्ष का आरोप है कि स्मार्ट सिटी के कार्यों की वजह से देहरादून का स्वरूप बिगड़ा है और इसका कोई लाभ प्रदेश की जनता को नहीं मिला। विपक्ष का आरोप है कि स्मार्ट सिटी में बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है सवाल ये है कि मानसून की शुरूआती बारिश में ये हाल है तो फिर आगे क्या परिस्थिति होगी इसका आंकलन ही किया जा सकता है|
वहीं देहरादून में हुए भारी जलभराव के बाद विपक्ष ने एक बार फिर स्मार्ट सिटी के कार्यों पर सवाल खड़े कर दिये हैं। विपक्ष का आरोप है कि स्मार्ट सिटी के कार्यों की वजह से देहरादून का स्वरूप बिगड़ा है और इसका कोई लाभ प्रदेश की जनता को नहीं मिला। विपक्ष का आरोप है कि स्मार्ट सिटी में बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है|
कुल मिलाकर राज्य में हुई भारी बारिश के बाद जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हुआ है। सावन के पहले सोमवार को एक और जहां भोले के भक्त परेशान हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं देहरादून में हो रहे भारी जलभराव के बाद राज्य में एक बार फिर स्मार्ट सिटी के कार्यों पर सवाल खड़े हो गये हैं। ऐसे में सवाल ये है कि मानसून की शुरूआती बारिश में ये हाल है तो फिर आगे क्या परिस्थिति होगी, क्या यही सरकार की तैयारी है| क्या जलभराव ही स्मार्ट सिटी की पहचान बन गई है|