उत्तराखंड- लोकसभा चुनाव संपन्न कराने के बाद भारत निर्वाचन आयोग अब उपचुनाव की तैयारियों में जुट गया है। इसी के तहत निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड समेत देश के सात राज्यों में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है इसके तहत बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होगा। कार्यक्रम के मुताबिक 10 जुलाई को मतदान होगा। जबकि 13 जुलाई को मतगणना की जाएगी। वहीं प्रदेश में तारीखों के ऐलान के साथ जीत के दावे भी शुरू हो गये हैं। भाजपा-कांग्रेस समेत अन्य दलों ने जीत का दावा किया है। वहीं लोकसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने से एक ओर जहां भाजपा उपचुनाव में बी जीत को लेकर काफी आश्वस्त है तो वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का एक भी प्रत्याशी लगातार तीसरी बार ना जीत पाने से कांग्रेसी खैमे में मायूसी है। वहीं कांग्रेस ने मोदी कैबिनेट में उत्तराखंड से एक ही सांसद को राज्यमंत्री बनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं साथ ही इसे राज्य की जनता का अपमान बताया है। बता दें कि मोदी कैबिनेट में अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा को केंद्रीय राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई है। कांग्रेस का तर्क है कि राज्य की जनता ने लगातार तीन बार प्रदेश की पांचों सीटों से भाजपा प्रत्याशियों को जीताया है। ऐसे में प्रदेश को सिर्फ एक राज्यमंत्री देना ये प्रदेश की जनता का अपमान है। सवाल ये है कि क्या लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस उपचुनाव में कमाल दिखा पाएगी। क्या उपचुनाव में भी धामी मैजिक देखने को मिलेगा।
आपको बता दें कि उत्तराखंड की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है दअरसल, मंगलौर विधानसभा सीट से बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी का निधन हो गया था। जबकि बद्रीनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक रहे राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने के बाद इस सीट से रिजाईन कर दिया था। जिसके बाद अब दोनों सीटों पर उपचुनाव होना है वहीं लोकसभा चुनाव में प्रदेश में लगातार तीसरी बार राज्य की पांचों सीटों को जीतने से भाजपा उत्साहित नजर आ रही है। भाजपा का कहना है कि उपचुनाव में भी मोदी और धामी मैजिक देखने को मिलेगा और भारी बहुमत के साथ भाजपा जीत दर्ज करेगी। भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री धामी के कार्यों से जनता काफी खुश है नतीजा ये है कि देश की जिन लोकसभा सीटों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव प्रचार में भाग लिया था, उनमें जीते कई सांसद इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पाने में भी कामयाब रहे है।
कुल मिलाकर लोकसभा के बाद अब राज्य में उपचुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। निश्चित ही भाजपा लोकसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित है लेकिन भाजपा को याद रखना होगा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। जबकि दूसरी सीट बद्रीनाथ की है जहां से लगातार विधायक बनते आ रहे राजेंद्र भंडारी भाजपा में चले गये हैं ऐसे में क्या बद्रीनाथ की जनता दलबदलू नेता को फिर से जीताएगी, आखिर कांग्रेस इन दोनों सीटों में क्या मजबूत उम्मीदवार उतार पाएगी।