दो साल, कितने बेमिसाल ?

उत्तराखंड, उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस दौरान उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इन चुनौतियों के बीच कई बड़े फैसले लेकर उन्होंने लंबी लकीर भी खींच दी है। इसके साथ ही धामी सरकार ने दो साल में कई ऐसे फैसले लिए जिनका देश के दूसरे राज्य अनुसरण कर रहे हैं। उत्तराखंड में यूसीसी लागू किए जाने की भी तैयारी है। इस बीच इसे देशभर में लागू करने की पहल केंद्र के स्तर पर शुरू होने जा रही है। आपको बता दें कि पुष्कर सिंह धामी ने चार जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री के रूप में उत्तराखंड की कमान संभाली थी। भाजपा हाईकमान ने युवा चेहरे के रूप में धामी पर दांव लगाया था। इस दौरान अपने कार्यों की बदौलत धामी न सिर्फ हाईकमान की उम्मीदों पर खरे उतरे, और आज प्रदेश की राजनीति में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान भी स्थापित कर ली है। फिर 2022 में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने धामी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत हासिल किया। यह भी एक मिथक टूटने जैसा था। इस कामयाबी का सेहरा भी धामी के ही सर बंधा। कम समय में उत्तराखंड की पूर्व सरकारों के मुकाबले कई अहम फैसले लेकर उन्होंने लंबी लकीर खींच दी है। हांलाकि विपक्षी दल सीएम धामी के कार्यकाल को निराशाजनक बता रहे हैं….जबकि सत्तापक्ष इसे ऐतिहासिक बताते हुए इसका जश्न मना रहा है।

 उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस दौरान उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इन चुनौतियों के बीच कई बड़े फैसले लेकर उन्होंने लंबी लकीर भी खींच दी है। इसके साथ ही धामी सरकार ने दो साल में कई ऐसे फैसले लिए जिनका देश के दूसरे राज्य अनुसरण कर रहे हैं। उत्तराखंड में यूसीसी लागू किए जाने की भी तैयारी है। इस बीच इसे देशभर में लागू करने की पहल केंद्र के स्तर पर शुरू होने जा रही है। आपको बता दें कि पुष्कर सिंह धामी ने चार जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री के रूप में उत्तराखंड की कमान संभाली थी। भाजपा हाईकमान ने युवा चेहरे के रूप में धामी पर दांव लगाया था। इस दौरान अपने कार्यों की बदौलत धामी न सिर्फ हाईकमान की उम्मीदों पर खरे उतरे, और आज प्रदेश की राजनीति में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान भी स्थापित कर ली है। सरकार से लेकर संगठन तक सीएम धामी के कार्यकाल की जमकर सराहना की जा रही है….

 

आपको बता दें कि समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में बढ़ाए कदम, धर्मांतरण विरोधी कानून, उत्तराखंड में देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई, गरीबों को मुफ्त सिलेंडर समेत कई अन्य फैसले सीएम धामी ने लिए…इन्ही सब फैसलो की बदौलत भाजपा धामी के कार्यकाल को ऐतिहासिक बता रही है….हांलाकि विपक्षी दल सीएम धामी के कार्यकाल को निराशाजनक बता रहे हैं

कुल मिलाकर सीएम धामी ने मुख्यमंत्री के रूप में दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है….निशिचित ही भाजपा सीएम धामी के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताएगी….हांलाकि विपक्ष तो सीएम धामी के कार्यकाल को पूरी तरह से विफल बता रहा है देखना होगा आने वाले समय में सीएम धामी तमाम चुनौतियों से कैसे निपटते हैं..

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