मसूरी के लंढोर में सड़क धंसाव व भवनों में दरारों का किया निरीक्षण

मसूरी, मसूरी के लंढोर बाजार में जोशीमठ जैसा सड़क धंसाव और भवनों में आयी दरारों से न सिर्फ स्थानिय लोगों में खौफ बना हुआ है। बल्कि सरकार भी इस भू घसाव को लेकर चिंता में है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध मसूरी के सबसे पुराने बाजार लंढोर बाजार के अस्तित्व पर आये इस संकट से पर्यटन भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए इसकी अस्मिता बचाने को लेकर सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। इसमे शासन द्वारा एक टीम गठित की गयी जिसने प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। इसमें वाडिया हिमालयन भू विज्ञान, आइआइटी रुड़की, सीबीआरआइ, रूडकी, आइआइआरएस देहरादून, जीएसआइ देहरादून, यूजीआरपी देहरादून की वैज्ञानिकों ने लंढौर सड़क धंसाव, घरों में आयी दरारे साथ ही साउथ रोड एरिया का निरीक्षण किया। इस क्षेत्र के अधिकांश मकान सौ साल से भी ज्यादा पुराने हैं। इस सम्बन्ध में यूएसडीएमए देहरादून के अधिशासी निदेशक डा. पीयूष रौतेला ने बताया कि निरीक्षण करने के बाद इस पर विचार विमर्श करके भूधसाव को रोकने के उपाय किये जाएंगे। उन्होने कहा कि प्रभावित क्षेत्र के कई मकान ऐसे हैं जो बहुत अधिक पुराने है लोग अपनी जान को जोखिम में डाल इसमें रह रहे हैं। क्षेत्र के सम्बन्ध में उन्होंने यह भी कहा कि यहां निर्माण कार्यों को पूरी तरह से बंद भी करना ठीक निर्णय नहीं होगा। क्योंकि एक ओर इससे जहां घरों के मरम्मत कार्य भी प्रभावित होंगे वही दूसरी ओर इस फैसले से पर्यटकों को भी यहां आने में असहजता महसूस हो सकती है। जो यहां के पर्यटन को प्रभावित कर सकता है। हालांकि इसका उपरी निरीक्षण तो कर लिया है लेकिन इसके असल कारण क्या हैं, इसे जानने लिए अभी और समय लगेगा।

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