बारिश शहर-शहर, आपदा का कहर !

उत्तराखंड, उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश ने शहर शहर, आपदा के कहर जैसे हालात खड़े कर दिए है। देवभूमि उत्तराखंड को मानसून की इस भारी बारिश से आई आपदा से अभी तक करीब 650 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका हैजो आगे और बढ़ सकता है। राज्य में ऐसा पहली बार हो रहाजब प्रदेश सरकार आपदा से क्षति का प्रतिदिन डाटा अपडेट कर रही है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की मानें तो मानसून की समाप्ति पर तत्काल रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी। इससे आपदा के बाद राहत कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सकेगा। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेशभर में बारिश से हुए नुकसान का जायजा ले रहे हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण भी कर रहे हैं। हांलाकि नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी के तहत चमोली जिले के भूस्खलन प्रभावित जोशीमठ के पास हेलंग में एक इमारत ढह गई। जिसमें कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है….वहीं रुद्रप्रयाग में भारी बारिश के कारण मदमहेश्वर पैदल मार्ग पर पैदल पुल के अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त होने के कारण यहां 200 से ज्यादा लोग फंस गए जिन्हें हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है। इनसबके बीच विपक्ष ने सत्तापक्ष पर आपदा से निपटने में पूरी तरह से फेल करार दिया है। 

 

 उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश ने शहर शहर, आपदा के कहर जैसे हालात खड़े कर दिए है। देवभूमि उत्तराखंड को मानसून की इस भारी बारिश से आई आपदा से अभी तक करीब 650 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका हैजो आगे और बढ़ सकता है। राज्य में ऐसा पहली बार हो रहाजब प्रदेश सरकार आपदा से क्षति का प्रतिदिन डाटा अपडेट कर रही है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की मानें तो मानसून की समाप्ति पर तत्काल रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी। इससे आपदा के बाद राहत कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सकेगा। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेशभर में बारिश से हुए नुकसान का जायजा ले रहे हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण भी कर रहे हैं। हांलाकि नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रभावितों की हर संभव मदद का आश्वासन दे रहे हैं

आपको बता दें कि भारी बारिश से चमोली जिले के भूस्खलन प्रभावित जोशीमठ के पास हेलंग में एक इमारत ढह गई। जिसमें कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है….वहीं रुद्रप्रयाग में भारी बारिश के कारण मदमहेश्वर पैदल मार्ग पर पैदल पुल के अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त होने के कारण यहां 200 से ज्यादा लोग फंस गए जिन्हें हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है। राज्य में एक तरफ जहां भारी बारिश ने अपना कहर बरपा रखा है तो वहीं दूसरी ओर राज्य में आपदा के मुद्दे पर सियासत भी गरमा गई है। विपक्ष ने सत्तापक्ष पर आपदा से निपटने में पूरी तरह से फेल करार दिया है। जबकि सत्तापक्ष के विपक्ष के सभी आरोपों से इंकार कर रहा है।

 

कुल मिलाकर राज्य को भारी बारिश से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदेश पहले ही जोशीमठ में घरों में आ रही दरारों से परेशान था तो वहीं अब मानसून की बारिश ने जोशीमठ वासियों की चिंता और बढ़ा दी है। वहीं इस आपदा से अभी तक राज्य को करीब 650 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है और लगातार यह नुकसान बढ़ता जा रहा है। सवाल ये है कि क्या केंद्र की तरफ से राज्य को फिल्हाल कोई आर्थिक मदद नहीं देनी चाहिए….आखिर राज्य सरकार इन नुकसान की भरपाई कैसे करेगी…..इसके साथ ही हजारों हेक्टेयर फसल हुई बर्बादी के बाद किसानों को कबतक सरकार मुआवजा देगी

 

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट

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