उत्तराखंड में अब जमीन खरीदना हो जाएगा महंगा, तीन साल बाद बढ़े रेट

उत्तराखंड| उत्तराखंड में अब जमीन खरीदना और भी  महंगा हो जाएगा। कल बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें सर्किल रेट पर मुहर लगा दी गई है और साथ ही और 52 प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी गई है। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में जमीनों के सर्किल रेट में 33.6 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। पाँच फीसदी इलाकों में 200 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है और 86 फीसदी क्षेत्रों में 50 फीसदी से कम रेट ही बढ़ाए गए है। मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने कैबिनेट के सारे फैसलों की जानकारी दी है। उनका कहना था कि पिछले तीन साल बाद सर्किल रेट बढ़ाए गए है और जिन क्षेत्रों में हाईवे बनने या प्रस्तावित है उन क्षेत्रों में रेट ज्यादा बढ़ जाएगे। पिछले तीन सालों में अलग-अलग जिलों में हुई रेजिस्ट्रियों के आधार पर भी कई रेट तय किए गए है। कृषि क्षेत्र में 32.47 और अकृषि  क्षेत्र में 34.83 की बढ़ोतरी की गई है और पूरे राज्य में कृषि क्षेत्र में 22,912 और अकृषि क्षेत्र में 34,082 यूनिट के आधार पर  सर्किल रेट तय किया गया है। राज्य में पाँच फीसदी हिस्सों 200 से ज्यादा,नौ फीसदी क्षेत्रों में 50 से 100 फीसदी और 86 फीसदी क्षेत्रों में 50 फीसदी से कम की बढ़ोतरी की गई है। देहरादून और अल्मोड़ा के कुछ हिस्सों में सर्किल रेट में गिरावट भी आई है। उत्तराखंड के नैनीताल की अपर माल रोड सबसे महंगी हो गई है। यहा प्रतिवर्ग मीटर जमीन के सरकारी दाम एक लाख तक बढ़ा दिए गए है। मसूरी माल रोड पर 28 हजार प्रति वर्ग मीटर तय किया गया है। 
जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए मुआवजा 
जोशीमठ में आपदा से ग्रस्त प्रभावित आवासीय और व्यावसायिक भवनों को मुआवजे देने की दर भी तय की गई है।इस भवनों की कीमत सीपीडब्ल्यूडी की दरों के आधार पर निकली जाएगी और उसके बाद प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा। सीपीडब्ल्यूडी के अनुसार बिना बीमा हुए भवनों के आवासीय भवन के लिए 31 हजार प्रति स्क्वायर मीटर और बीमा वाले भवनों के लिए 36 हजार रुपए प्रति स्क्वायर मीटर की दर तय की गई है। बिना बीमा वाले व्यावसायिक भवनों के लिए 39 हजार रुपए प्रति स्क्वायर मीटर और बीमा वाले व्यावसायिक भवनों के लिए 45 हजार प्रति रुपए स्क्वायर मीटर के रेट तय किए गए है। आपदा प्रभावित जोशीमठ शहर में सर्किल रेट में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। राज्य सरकार का कहना है की आपदा प्रभावित भवनों कर मूल्यांकन का काम शुरू कर दिया गया है और उसी के आधार पर प्रभावितों को मुआवजा भी दिया जाएगा।

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