जोशीमठ में विलुप्त हुई जलधाराएं
भूधंसाव और भीषण ठंड की मार झेल रहे पहाड़ी क्षेत्र जोशीमठ की स्थिती दयनीय बनी हुई है। लोगों के घरों में पड़ी दरारों के कारण लोग घरों को छोड़ अन्यत्र रहने को मजबूर हैं। सरकार भी लगातार जोशीमठ में आयी आपदा से हुए नुकसान को लेकर साथ ही स्थानीय लोगों को उनकी सुविधानुसार कहीं ओर बसाने के लेकर रणनीति बना रही है। वहीं भू विज्ञानियों के सर्वे के अनुसार जोशीमठ में हो रहे भू धसाव का कारण वहां की मलवे वाली मिट्टी में क्षमता से ज्यादा अनियंत्रित विकाश का होना है। जिसके कारण भू धंसाव की घटना से जोशीमठ को जूझना पड़ रहा है। वहीं जेपी कॉलोनी में फूटी जलधार ने सभी के अचंभे मे डाल दिया था। इसकी और जांच करने पर पता चला कि जोशीमठ में एक समय में करीब सौ से ज्यादा जलधाराएं थी जो कालांतर में विलुप्त हो गयी।
जलधाराएं हो सकती हैं, धसाव का कारण
जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भूधंसाव का कारण वहां विलुप्त हो चुकी जलधाराओं को बताया जा रहा है ताजा जांच मे सामने आया कि जोशीमठ में एक समय मे कई सारी जलधाराएं थी जो समय के साथ विलुप्त होतीं चली गयीं। सर्वे आफ इंडिया के अनुसार उनके द्वारा इन जलधाराओं का नक्शा भी तैयार किया हुआ है। अब सर्वे आफ इंडिया से इन जलधाराओ का नक्शा मंगवाया जा रहा है जिसके अध्ययन से इस क्षेत्र में हो रहे भू धंसाव के सही कारणों की तलाश में जुटी जांच एजेंसियों को काफी मदद मिलेगी। बेबूझ पहेली बने भूधसाव की तह तक पहुंच इस क्षेत्र की अस्मिता बचाने के प्रयास किये जा सकते हैं।