उत्तराखँड, उत्तराखँड में मानसून की तेज बारिश के बीच डेंगू, आई फ्लू समेत तमाम बिमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। अकेले देहरादून की बात करें तो डेंगू के मामले 127 पहुंच गए हैं। इसके साथ ही शहर में वायरल बुखार, डेंगू, टायफाइड, डायरिया, पीलिया, निमोनिया के मरीज भी बड़ी संख्या में अस्पताल आ रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अकेले दून अस्पताल की ओपीडी में दो हजार और कोरोनेशन अस्पताल में एक हजार से ज्यादा मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। मरीजों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं दून अस्पताल के महिला वार्ड में एक ही बेड पर दो गर्भवती महिलाएं भर्ती हो रही हैं। उसी पर नवजात को भी लिटाना पड़ रहा है। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है…वहीं पहाड़ों से भी बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की खबरे आ रही है जहां कई किलोमीटर दूर मरीजों को कंघे पर रखकर तीमारदारों को पैदल ले जाना पड रहा है…..वहीं कांग्रेस ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला है…कांग्रेस का आरोप है कि सरकार का ध्यान धार्मिक मुद्दों पर ज्यादा है इसलिए राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बदहाल है सवाल ये है कि एक तरफ मरीजों का दबाव तो दूसरी तरफ बदहाल स्वास्थ्य सेवाए ऐसे में मरीज कहां जाएं
उत्तराखँड में मानसून की तेज बारिश के बीच डेंगू, आई फ्लू समेत तमाम बिमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। अकेले देहरादून की बात करें तो डेंगू के मामले 127 पहुंच गए हैं। इसके साथ ही शहर में वायरल बुखार, डेंगू, टायफाइड, डायरिया, पीलिया, निमोनिया के मरीज भी बड़ी संख्या में अस्पताल आ रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अकेले दून अस्पताल की ओपीडी में दो हजार और कोरोनेशन अस्पताल में एक हजार से ज्यादा मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। मरीजों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं दून अस्पताल के महिला वार्ड में एक ही बेड पर दो गर्भवती महिलाएं भर्ती हो रही हैं। उसी पर नवजात को भी लिटाना पड़ रहा है। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है……..वहीं कांग्रेस ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला है…कांग्रेस का आरोप है कि सरकार का ध्यान धार्मिक मुद्दों पर ज्यादा है इसलिए राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बदहाल है
वहीं पहाड़ों से भी बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की खबरे आ रही है जहां कई किलोमीटर दूर मरीजों को कंघे पर रखकर तीमारदारों को पैदल ले जाना पड रहा है….ऐसा ही कुछ बागेश्वर की कपकोट तहसील के डांगती गांव में देखने को मिला जहां ग्रामीण डंडी, कंडी के सहारे, डोली के भरोसे मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए मजबूर हैं। सात किलोमीटर दूर तक मरीज को कंघे पर ग्रामीण लेकर गए….वहीं अब बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर सत्तापक्ष आ गया है
कुल मिलाकर बढ़ती बीमारियों के बीच बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं ने मरीजों और तीमारदारों की मुश्किलें बढ़ा दी है। उपर से डेंगू और आई फ्लू ने सरकार की चिंता बढ़ाने के साथ ही लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है। हांलाकि सरकार ने डेंगू और आई फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों के लिए अलर्ट जारी करते हुए सभी अस्पतालों को तैयार करने के लिए कहा है बावजूद इसके धरातल पर कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है….