उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड सरकार लोकसभा चुनाव से पहले बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की कवायद में जुट गई है। सरकार ने एक तरफ जहां सर्विस सेक्टर की नई पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इसके जरिए उत्तराखंड में 20 लाख रोजगार के अवसर बढ़ाने और 10 लाख श्रमिकों के कौशल विकास का लक्ष्य रखा गया है। तो वहीं दूसरी ओर सरकार ने दिसंबर में प्रस्तावित इंवेस्टर समिट की तैयारियां भी तेज कर दी है। सरकार को उम्मीद है कि इस समिट से ढ़ाई लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश राज्य में आएगा जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा, साथ ही राज्य विकास की ओर भी आगे बढ़ेगा…वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिसंबर में प्रस्तावित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए लंदन जाने वाले है। इसके तहत लंदन में 25 से 28 सितंबर तक पहला रोड शो होगा। मुख्यमंत्री के साथ तमाम अधिकारी भी उपस्थित रहेगें… वहीं इसके बाद 16 से 20 अक्तूबर तक दुबई और आबूधाबी में भी रोड शो करने की तैयारियों में सरकार लग गई है। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए वह विदेश जाएंगे…सरकार की कोशिश है कि अधिक से अधिक रोजगार के अवसर बढ़े इस दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। वहीं विपक्ष ने सरकार के विदेश दौरे पर सवाल खड़े किए हैं..
उत्तराखंड में दिसंबर माह में प्रस्तावित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए सीएम धामी लंदन जाएंगे। लंदन में 25 से 28 सितंबर तक पहला रोड शो होगा। सचिव मीनाक्षी सुंदरम, सचिव विनय शंकर पांडेय, डीजी इंडस्ट्री रोहित मीणा डीजी सूचना बंशीधर तिवारी भी सीएम धामी के साथ लंदन जाएंगे। जानकारी के अनुसार, 16 से 20 अक्तूबर तक दुबई और आबूधाबी में भी रोड शो होंगे। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि प्रस्तावित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए प्रदेश सरकार ने 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। इसे हासिल करने के लिए समिट से पहले लगभग 25 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे पहाड़ों में रोजगार के साधन बढ़ने से पलायन भी रुकेगा। वहीं विपक्ष ने सरकार के विदेश दौरे पर सवाल खड़े किए हैं…
एक तरफ जहां सरकार ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में निवेशकों को आमंत्रित करने का प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर सरकार लोकसभा चुनाव से पहले बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की कवायद में जुट गई है। सरकार ने एक तरफ जहां सर्विस सेक्टर की नई पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। इसके जरिए उत्तराखंड में 20 लाख रोजगार के अवसर बढ़ाने और 10 लाख श्रमिकों के कौशल विकास का लक्ष्य रखा गया है। सेवा क्षेत्र की नीति के तहत अब स्वास्थ्य, हॉस्पिटैलिटी, वेलनेस सेंटर, शिक्षा, फिल्म व मीडिया, स्पोर्ट्स, आईटी को शामिल करते हुए पालिसी बनाई गई हे इसमें कुछ रियायतें देने के साथ ही 25% कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी।
कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव से पहले सरकार जनता के सामने राज्य में निवेश बढ़ाकर जनता को विकास का मॉडल दिखाना चाहती है। सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा निवेश राज्य में आए ताकी बेरोजगारों के हाथों को रोजगार मिल सके……धामी सरकार ने ढ़ाई लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य इस समिट से रखा है हांलाकी विपक्ष साल 2018 में हुई इवेस्टर समिट के बहाने इस समिट पर भी सवाल खड़े कर रहा है देखना होगा क्या धामी सरकार इस समिट से ढ़ाई लाख करोड़ का निवेश राज्य में करा पाएगी…क्या बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की कोशिशें कामयाब होगी या नहीं