देहरादून-
नवंबर महीने में प्रदेश भर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का आयोजन होना है। वहीं अभी तक इन त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में पांच साल के लिए तय आरक्षण अब दस साल के लिए बढ़ सकता है। पंचायती राज विभाग के द्वारा तय प्रस्ताव पर गत कैबिनेट में प्रारंभिक स्तर पर विचार विर्मश हो चुका है। विचार विमर्श होने के बाद कैबिनेट द्वारा इस प्रस्ताव पर कुछ और होमवर्क करने के निर्देश विभाग को दिये गये है। ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत के साथ ही जिला पंचायत में हर स्तर पर आरक्षण लागू है। इस आरक्षण के तहत 18 प्रतिशत सीटें एससी और चार प्रतिशत सीट एसटी के साथ ही 14 प्रतिशत सीटें ओबीसी कोटे में आरक्षित होती है। इसके साथ ही महिला सशक्तिकरण और पंचायत स्तर पर महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के लिए भी 50 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था बनाई गई है। अभी तक लागू व्यवस्था के तहत हर चुनाव में आरक्षण रोटेशन बदलता है यानी अगर कोई सीट किसी वर्ग के लिए आरक्षित है। तो अगले चुनाव में वह सीट किसी और वर्ग के लिए अपने आप ही आरक्षित हो जाएगी। वहीं इस व्यवस्था पर आपत्ति जताते हुए पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि इस व्यवस्था के तहत समाज कल्याण के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले प्रतिनिधि को दूसरा कार्यकाल नहीं मिल पाता। पांच साल के कार्यकाल में प्रतिनिधियों को कार्यप्रणाली समझने में ही काफी समय लग जाता है। इसलिए वह आरक्षण निर्धारण को दस साल के लिए लागू करने की मांग कर रहे हैं।