उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट।, उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दायित्व बंटवारे की सूची जारी कर दी है। सरकार में 20 लोगों को दायित्व बांट दिए गए है जिनमें 6 महिलाएं को भी शामिल किया गया हैं। जारी सूची के मुताबिक चमोली के हरक सिंह नेगी को उपाध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद का जिम्मा सौंपा गया है। रुद्रप्रयाग की ऐश्वर्या रावत को उपाध्यक्ष राज्य महिला आयोग का दायित्व सौंपा गया है। अल्मोड़ा की गंगा बिष्ट को उपाध्यक्ष राज्य महिला उद्यमिता परिषद का जिम्मा दिया गया है। सीएम धामी ने दायित्वधारियों की लिस्ट में सभी समीकरणों को साधने की कोशिश की है। साथ ही चंपावत को छोड़कर हर जिले को प्रतिनिधित्व दिया गया है। बता दें सीएम धामी खुद चंपावत जिले से आते हैं। हालांकि अभी भी कई महत्वपूर्ण निगम और परिषदों का दायित्व होल्ड पर रखे गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जनहित में विभिन्न महानुभावों को विभागीय दायित्व सौंपे गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि विभागीय दायित्वों से प्रदेश में विभागीय जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आयेगी तथा उनके प्रभावी अनुश्रवण में भी मदद मिलेगी। वही विपक्ष का कहना है धामी सरकार को तीन साल लग गए दायित्व बटवारा करने में जब कि कैबिनेट का विस्तार लम्बे समय से लटका पड़ा है जिसपर सरकार का कोई ध्यान नही है और उत्तराखंड पर वित्तीय बोझ बढ़ाने का काम कर रही है।
वही धामी सरकार का उद्देश्य जनता को सुशासन और पारदर्शी प्रशासन प्रदान करना है। जिन कार्यकर्ताओ को दायित्व सौंपे गए हैं वे अपने अनुभव और कार्य क्षमता से जनसेवा के इस दायित्व को निभाएंगे और राज्य की प्रगति में अपना योगदान देंगे। मुख्यमंत्री धामी ने सभी नवनियुक्त दायित्व धारकों को शुभकामनाएँ दीं और अपेक्षा व्यक्त की कि वे उत्तराखंड के समग्र विकास में अपना योगदान देंगे। वहीं देहरादून के श्याम अग्रवाल को उपाध्यक्ष उत्तराखंड आवास सलाहकार परिषद, नैनीताल की शांति मेहरा को उपाध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद, देहरादून के भगवत प्रसाद मकवाना को उपाध्यक्ष उत्तराखंड सफाई कर्मचारी आयोग, पिथौरागढ़ के हेमराज बिष्ट को उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य स्तरीय खेल परिषद, चमोली के रामचंन्द्र गौड को अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा अल्मोड़ा के पूरन चंद नैलवाल उपाध्यक्ष प्रवासी उत्तराखंड परिषद, उत्तरकाशी के रामसुंदर नौटियाल को उपाध्यक्ष भागीरथी नदी घाटी प्राधिकरण, उधम सिंह नगर के सायरा बानो उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य महिला आयोग, नैनीताल की रेनू अधिकारी को अध्यक्ष राज्य महिला उद्यमिता परिषद, देहरादून की रजनी रावत को उपाध्यक्ष समाज कल्याण योजनाएं अनुश्रवण समिति की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पौड़ी गढ़वाल की ऋषि कंडवाल को उपाध्यक्ष सिंचाई सलाहकार समिति, टिहरी गढ़वाल के वीरेंद्र दत्त सेमवाल को उपाध्यक्ष उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद, टिहरी गढ़वाल के अजय कोठियाल को अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य पूर्व सैनिक कल्याण सलाहकार समिति और नैनीताल के श्याम नारायण पांडे को उपाध्यक्ष उत्तराखंड वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति का दायित्व सौंपा गया है। वही विपक्ष का कहना है कि लम्बे समय से कैबिनेट के पद खाली चल रहे है उन पर सरकार कोई ध्यान नही दे रही है और दायित्वधारिओ कि फ़ौज़ खड़ी कर रही है। उत्तराखण्ड पहले से ही कर्ज़ के बोझ से दबा हुआ है ऐसे में धामी साकार इन दायित्वधारिओ पर आने वाला खर्च कहा से वहन करेगी।आपको बता दे धामी सरकार में दायित्व धारियों की बल्ले बल्ले होती रही है पिछली सरकारों में एक दायित्वधारी को ₹45000 का मासिक मानदेय मिलता था जिसे साल 2023 में धामी सरकार ने बढ़ा दिया था। शासन से मिली जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में उत्तराखंड में एक दायित्वधारी को ₹80000 प्रतिमाह मिल रहे हैं अगर वो सरकारी वाहन का इस्तेमाल नहीं करता तो वाहन के लिए ₹40000 प्रति माह अतिरिक्त भुगतान का प्रावधान है।
धामी सरकार ने 20 दायित्वधारिओ की लिस्ट तो जारी कर दी है। सूत्रों से पता चला है अभी कम से कम सौ दायित्वधारिओ की लिस्ट जारी होनी बाकी है कैबिनेट के पद जो लम्बे समय से खाली चल रहे है उनको भी भरा जाना है। सवाल यह उठता है कि सरकार बढ़ते वित्तीय बोझ से कैसे पार पाती है अब सरकार द्वारा नियुक्त किए गए पदाधिकारी अपने क्षेत्रों में कार्यभार संभालकर सरकार की योजनाओं को लागू करने में जुट जाएंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि ये नए नियुक्त पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को किस प्रकार निभाते हैं और राज्य के विकास में किस तरह योगदान देते हैं। या कहीं दायित्वधारियों की ये फौज प्रदेश के कार्य में बोझ साबित न हो जाए।