देहरादून, बीते समय में जोशीमठ में आई आपदा जिसमें घरो में दरारों के पड़ने से लोगों को अपने पीढ़ियों से बसे घरो को मजबूरन छोड़कर जाना पड़ा। जिससे जान माल बुरी तरह से प्रभावित हुआ। लोगों को अपने घरों को छोड़कर स्कूलों, फाइवर टैटो में रहने को मजबूर होना पड़ा। साथ ही लोगों को विस्थापित करने और नजदीकी गांवों में बसाने के लिए लगातार मुआवजे की मांग उठती रही है। सरकार ने भी इसे लेकर गंभीरता दिखाई और जिला प्रशासन को जोशिमठ का सर्वे कार्य जल्द से जल्द पूरा करने को कहा। जिसे पूरा कर लिया गया। अब कैबिनेट द्वारा जोशिमठ में प्रभावित लोगों को मुआवजा देने के लिए दरें तय कर दी गयी है। बस अब नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथोरिटी की जोशिमठ पर रिपोर्ट आने के बाद ही मुआवजे को तय दरों के हिसाब से वितरित किया जायेगा। एनडीएमए की रिपोर्ट का इंतजार इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि इस रिपोर्ट में ही यह उल्लिखित होगा कि कौन सा मकान खतरे की किस श्रेणी में होगा, साथ ही कौन सा स्थान कितना संवेदनशील है। इस सभी बिंदुओं को रिपोर्ट मे तय किया जायेगा। सरकार की ओर से यह भी फैसला किया गया है कि जोशिमठ को लेकर कैबिनेट की बैठक हर पन्द्रह दिन में होगी। कैबिनेट की बैठक में मुआवजा दरों और उसके भुगतान सहित अन्य विषयों पर भी सरकार द्वारा निर्णय लिया जायेगा। साथ ही पुनर्वास सम्बन्धी कार्यों की निगरानी के लिए शासन द्वारा तीन अधिकारियों को नियुक्त किया जायेगा।