देहरादून। सीबीएसई ने शुक्रवार को अपने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया है। वही राज्य मे शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने प्रदेश भर मे अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना की थी। लेकिन शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के दावों के साथ शुरू किए गए अटल उत्कृष्ट स्कूलो का रिजल्ट बेहद ही निराशाजनक रहा। कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा मे अटल उत्कृष्ट विद्यालय के लगभग आधे छात्र फेल हो गये है।
इण्टर मिडिएट का रिजल्ट जहां बेहद निराशाजनक रहा वही हाई स्कूल मे छात्रों का प्रदर्शन कुछ बहुत कुछ खास नहीं रहा। हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम भी मुश्किल से 60 प्रतिशत तक ही पहुंच पाया।परीक्षा परिणाम मे हैरानी की बात तब सामने आई जब इण्टर मिडिएट मे प्राइवेट पढाई करने वाले छात्रों ने भी अटल उत्कृष्ट के छात्रों को पीछे छोड दिया प्राइवेट श्रेणी मे छात्रों के उर्तीण का ग्राफ 72.18 तक पहुंचा है।शुक्रवार को जारी सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट मे सरकार द्वारा स्थापित अटल उत्कृष्ट विद्यालय मे हाईस्कूल और इंटरमीडिएट मे पढ़ने वाले छात्रों का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा है।
सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों का टक्कर देने के दावे के साथ ही 2019-20 मे प्रदेश भर के 189 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध किया गया था। लेकिन सरकार द्वारा इन स्कूलों मे संसाधन और सीबीएसई बोर्ड के अनुकूल स्टाफ को मुहैया नहीं कराया गया था।इटर मिडिएट सबसे फिसड्डी: जानकारी के मुताबिक इस साल 12वी कक्षा से 12,759 छात्रों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। जिसके बाद परीक्षा के दौरान 12,534 छात्रों ने परीक्षा मे प्रतिभाग किया। और परीक्षा परिणाम आने पर 6454 छात्रो ने ही सफलता प्राप्त की है।जिसे प्रतिशत के हिसाब से देखे तो करीब 49 प्रतिशत छात्र-छात्राएं फेल हो गए है।
हाईस्कूल भी कुछ खास नहीं: सूत्रों के अनुसार हाई स्कूल मे इस साल 8626 छात्रों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। इनमे 127 ने परीक्षा छोडी। और पास केवल 5141 ही पास हो सके। यानी कुल रिजल्ट 60,49 ही रहा। हाई स्कूल मे अन्य बाकी श्रेणी के स्कूल में कोई ऐसा नहीं है। जिसका रिजल्ट 9.0 फीसदी से कम हो ।