उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने की तैयारी कर रही और इसी के चलते अब धामी सरकार ने न्याय विभाग से कानूनी राय लेने के लिए फाइल आगे बढ़ा दी है… बता दें कि हरीश रावत की सरकार एक विधेयक भी लाई थी… लेकिन कई खामियों के चलते उसे राजभवन से मंजूरी नहीं मिल पाई बावजूद इसके अब विपक्ष धामी सरकार को ही आंदोलनकारी विरोधी सरकार बता रहा था जिसके चलते धामी सरकार की ओर से अब राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने की तैयारी लगभग तय है उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में मिलने वाला 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण हाई कोर्ट के आदेश के बाद पिछले 9 सालों से रुका हुआ है… इसे बहाल करने के लिए 2015 में हरीश रावत की सरकार एक विधेयक भी लाई. लेकिन कई खामियों के चलते उसे राजभवन से मंजूरी नहीं मिल पाई आरक्षण बहाली का ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा… लेकिन सरकारों की सुस्ती के चलते बात आगे नहीं बढ़ पाई…
जहां एक तरफ धामी सरकार राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण देने के लिए हर उस रास्ते की तलाश कर रही है… जो जरूरी है… ताकि राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण मिल सके… तो वहीं विपक्ष धामी सरकार पर राज्य आंदोलनकारी के खिलाफ काम करने का आरोप मढ़ रहा है…
आंदोलनकारियों को फिर से आरक्षण देने की तैयारी
धामी सरकार ने न्याय विभाग से कानूनी राय मांगी
राज्य आंदोलनकारियों के लिए अच्छी खबर
धामी सरकार विकल्पों पर कर रही विचार विमर्श
धामी सरकार दूर कर रही सारी रुकावट
जल्द जारी हो सकता है अध्यादेशआंदोलनकारियों को फिर से आरक्षण देने की तैयारी
धामी सरकार ने न्याय विभाग से कानूनी राय मांगी
राज्य आंदोलनकारियों के लिए अच्छी खबर
धामी सरकार विकल्पों पर कर रही विचार विमर्श
राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की ये लड़ाई इतनी आसान भी नजर नहीं आती… क्योंकि हाई कोर्ट ने हाल ही में महिलाओं को सरकारी नौकरी में मिलने वाले क्षैतिज आरक्षण पर रोक लगा दी थी… लेकिन धामी सरकार विकल्पों पर विचार कर रही है… इसी क्रम में न्याय विभाग से परामर्श मांगा गया है… राजभवन से अध्यादेश वापस मंगाने के बाद क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इस पर अभी विचार-विमर्श चल रहा है… अब देखना होगा कि आखिर कब तक राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण मिल पाता है…