उत्तराखंड- उत्तराखंड में 30 अप्रैल से चार धाम यात्रा शुरू होने जा रही है जिसको लेकर तैयारी लगातार जारी है। इस बार पिछली बार से भी अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है जिसको व्यवस्थित करने के सीएम पुष्कर सिंह धामी अलग-अलग विभागों की बैठक कर रहे हैं । इसके दृष्टिगत पर्यटन विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग समेत अन्य संबंधित विभाग भी तैयारी में जुटे हुए हैं। ताकि उत्तराखंड चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके। चार धाम यात्रा के लिए सरकार इस बार ट्रैफिक प्लान और होल्डिंग एरिया पर विशेष फोकस कर रही है। दरअसल, पिछले कुछ सालों के भीतर ऐसा देखा गया है कि चार धाम के कपाट खुलने के दौरान श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ दर्शन के लिए रवाना हो जाती है। जिसके चलते यात्रा रूटों पर न सिर्फ ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है बल्कि यात्रियों को भी घंटों जाम में फंसना पड़ता है। जिसको देखते हुए शासन प्रशासन की ओर से इस बार ट्रैफिक प्लान और होल्डिंग एरिया को लेकर बेहद स्तर पर रोड मैप तैयार किया गया है। धामी सरकार ने सुरक्षित, सुगम यात्रा के साथ ही तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर विशेष जोर दिया है। जिसके लिए सरकार ने एसओपी जारी कर दी है। यात्री किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर तत्काल 104 नंबर पर कॉल कर सकेंगे। यह एसओपी 12 भाषाओं में जारी की गई है।वही चारधामों में कई बाध्यताओं को लेकर चारधाम से जुड़े व्यपारियो ने सरकार को पत्र लिख अपनी नाराजगी भी जताई है बद्रीनाथ और केदारनाथ में रील बनाने पर रोक व साथ ही जिसमे रजिस्टेशन ,बाहरी वाहनों के आगमन ,आधार लिकिंग बाध्यताओं से सम्बंधित समस्या है दूसरी ओर चारधाम यात्रा पर विपक्ष का कहना है कि सरकार सिर्फ हवा-हवाई बात करती है धरातल पर कुछ भी देखने को नही मिलता।
देव भूमि में यात्रा को विधिवत रूप से संचालित करने के लिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि नए होमस्टे और होटल बनाए जा रहे हैं , धामों के आस पास के स्थानों को डेवलप करने पर भी विचार कर रहे हैं । रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था व अन्य व्यवस्थाएं अच्छी हो इसके लिए हम विभागों की समीक्षा कर रहे है और यात्रा प्रारंभ होने से पहले भी लगातार बैठकें होनी हैं चारधाम यात्रा को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी तैयारियों में जुटा हुआ है।अभी तक बद्रीनाथ और केदारनाथ में हॉस्पिटल की कमी थी लेकिन अब इन धामों में हॉस्पिटल बनकर तैयार हो गया है। जिसका आगामी चारधाम यात्रा से संचालन शुरू हो जाएगा। चारधामों में कई बाध्यताओं को लेकर चारधाम से जुड़े व्यपारियो व तीर्थपरोहितो ने सरकार को पत्र लिख अपनी नाराजगी भी जताई है
यात्रा से पहले अनिवार्य हेल्थ चेकअप
कम से कम दो माह पहले से प्राणायाम, पैदल चलने और हार्ट फिटनेस एक्सरसाइज
पंजीकृत स्वास्थ्य ऐप पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जरूरी
अपनी जरूरी दवाइयां, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर साथ रखें
BP, शुगर, ऑक्सीजन लेवल सहित 28 पैरामीटर की जांच के लिए स्क्रीनिंग प्वाइंट बनाए गए
यात्रा मार्ग पर हेल्थ एटीएम और 24×7 टेलीमेडिसिन सुविधा
हार्ट, अस्थमा, डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित यात्री विशेष सावधानी बरतें
यात्रा में जब मौसम खराब या फिर लैंडस्लाइड हो। जिस दौरान यात्रा पर जा रहे यात्रियों को रोकना पड़ता है। ऐसी स्थिति में वहां मौजूद भीड़ के साथ यात्रा आ रहे यात्रियों के चलते भीड़ अधिक बढ़ जाती है। जिस दौरान ही होल्डिंग एरिया का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है। चारधाम यात्रा मार्गों पर पहले से ही होल्डिंग एरिया चिन्हित कर लिए गए है वहां क्या क्या सुविधाएं होगी ये भी तय कर लिया गया है। वही चारधाम यात्रा में यात्रियों को अच्छी, सुरक्षित और उचित दरों पर वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। चारधाम यात्रा पर इस बार परिवहन निगम 125 बसे चलने में जुटा है जरुरत पड़ने पर ये संख्या और भी बड़ाई जा सकती हे वही लोगों का यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए जिसके साथ सभी टूर एंड ट्रैवल संचालक अपने यात्रियों का पंजीकरण कराएं ताकि उनको आसानी से ट्रिप कार्ड बनाकर अपने गंतव्य स्थान तक भेजा जाए।
चारधाम यात्रा को बेहतर करने के लिए सरकार हर प्रयास कर रही हे .लेकिन विपक्षी दल सरकार की मांश पर सावल खड़े करने में जुटे है। वर्तमान में हुई चारधाम यात्रा को देखते हुए विपक्षी दल लगतार सरकार पर हमला साधे है उनका मानना है की सरकार के अब तक के सभी दावे बेकार रहे है. ये केवल यात्रा में यात्रियों को परेशन करने के लिए नए नए एक्सपेरिमेंट किये जा रहे हे जिसकी वजह से केवल आने वाले समय पर यात्रियों को ही इसका सामना करना पड़ेगा।
इस बार धामी सरकार ने कड़े नियमों के साथ यात्रा करने का संकल्प लिया है। पिछले साल यात्रा की बात करे तो करीबन 50 लाख से ज्यादा श्रधालुओ ने दर्शन किए था इस बार ये अकड़ा पार करने के प्रयास को सफल करने में सरकार का लक्ष्य हे अगर आप भी चारधाम आ रहे है तो आपको बता दे कि चारधाम यात्रा के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन होता है. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया है, जिससे कि श्रद्धालु निर्धारित तिथि पर दर्शन का लाभ उठा सकें।
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