उत्तराखंड- देवभूमि उत्तराखंड में श्री केदारनाथ मंदिर का दिल्ली में शिलान्यास करने पर बवाल छिड़ गया है। तमाम तीर्थ पुरोहित, संत समाज के साथ ही विपक्षी दलों ने भाजपा पर हमला बोल दिया है। जगह- जगह नाराज तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है। आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली स्थित बुराड़ी के हिरंकी में श्री केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया है।
इस दौरान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि बुराड़ी क्षेत्र का जिक्र हमारे पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। इस क्षेत्र का संबंध महाभारत काल से भी है। बुराड़ी की पावन धरती पर उत्तराखंड और सनातन संस्कृति के मूल परिचायक बाबा केदारनाथ का धाम हमारी संस्कृति और आस्था का आधुनिक प्रतीक बनेगा। वहीं राज्य में मुख्यमंत्री के इस फैसले का जमकर विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री की सदबुद्धि के लिए मंदिर में मौन व्रत रखा। इसके साथ ही कांग्रेस ने भाजपा के दिल्ली में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर के शिलान्यास को देवभूमि उत्तराखंड और सनातन धर्म का घोर अपमान बताया है। साथ ही हिंदू आस्था के साथ सनातन और वैदिक परंपरा का अपमान भी बताया है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस के इन सभी आरोपों का खंडन किया है. सवाल ये है कि आखिर क्यों केदारनाथ मंदिर के प्रतिकात्मक मंदिर के शिलान्यास पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में धामी सरकार के खिलाफ एक बार फिर तीर्थ पुरोहितों और विपक्षी दलों ने मौर्चा खोल दिया है। दअरसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में श्री केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया है। इस दौरान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि बुराड़ी क्षेत्र का जिक्र हमारे पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। इस क्षेत्र का संबंध महाभारत काल से भी है। बुराड़ी की पावन धरती पर उत्तराखंड और सनातन संस्कृति के मूल परिचायक बाबा केदारनाथ का धाम हमारी संस्कृति और आस्था का आधुनिक प्रतीक बनेगा। वहीं राज्य में मुख्यमंत्री के इस फैसले का जमकर विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस ने भाजपा पर आस्था के साथ खिलवाड़ बताया है।
आपको बता दें कि केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। केदारनाथ बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है। ये उत्तराखंड के चारधामों में भी शामिल है। केदरनाथ धाम से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं। शिवपुराण की कोटीरुद्र संहिता में लिखा है कि पुराने समय में बदरीवन में विष्णु भगवान के अवतार नर-नारायण पार्थिव शिवलिंग बनाकर रोज पूजा करते थे। नर-नारायण की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव यहां प्रकट हुए थे। वहीं अब दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का प्रतिकात्मक मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। मंदिर निर्माण के बाद अब दिल्ली में भी बाबा केदार के दर्शन हो सकेंगे। जिसका भारी विरोध उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है।
कुल मिलाकर देवभूमि उत्तराखंड में श्री केदारनाथ मंदिर का दिल्ली में शिलान्यास करने पर बवाल छिड़ गया है। तमाम तीर्थ पुरोहित, संत समाज के साथ ही विपक्षी दलों ने भाजपा पर हमला बोल दिया है। सवाल ये है कि आखिर क्यों केदारनाथ मंदिर के प्रतिकात्मक मंदिर के शिलान्यास पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
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