जातीय जनगणना का श्रेय कांग्रेस द्वारा लेने पर फिर भड़की मायावती, बोली- ओबीसी के मामले में कांग्रेस का रहा है काला इतिहास

KNEWS DESK- केन्द्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराने के निर्णय के बाद कांग्रेस द्वारा इसका श्रेय लेने पर बसपा सुप्रीमो मायावती फिर भड़क गयी। बीती 2 मई को कांग्रेस और भाजपा को निशाने में लेने के बाद मायावती ने फिर से कांग्रेस को खरीखोटी सुनाते हुए ओबीसी हित का ढोंग बताया और सत्ता गंवाने में ओबीसी और दलित की उपेक्षा को बताया। मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लगातार चार पोस्ट करते हुए कांग्रेस को खरीखोटी सुनाई।

ये लिखा मायावती ने

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सन् 1931 व आज़ादी के बाद पहली बार देश में जातीय जनगणना कराने के केन्द्र के निर्णय का श्रेय लेने में कांग्रेस यह भूल गयी कि दलित व ओबीसी समाज के करोड़ों लोगों को आरक्षण सहित उनके संवैधानिक हक़ से वंचित रखने में उसका इतिहास काला अध्याय है व इस कारण उसे सत्ता भी गंवानी पड़ी है। किन्तु सत्ता विहीन होने के बाद कांग्रेस नेतृत्व का खासकर दलित व ओबीसी समाज के प्रति नया उभरा प्रेम विश्वास से परे इन वर्गों के वोट के स्वार्थ की खातिर छलावा की अवसरवादी राजनीति। वैसे भी आरक्षण को निष्क्रिय बनाकर अन्ततः इसको खत्म करने की इनकी नापाक मंशा को कौन भुला सकता है? वैसे आरक्षण व संविधान के जनकल्याणकारी उद्देश्यों को फेल करने में भाजपा भी कांग्रेस से कम नहीं, बल्कि दोनों एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। किन्तु अब वोटों के स्वार्थ व सत्ता के मोह के कारण भाजपा को भी जातीय जनगणना की जन अकांक्षा के आगे झुकना पड़ा है, जिसका स्वागत। साथ ही, संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को भारतरत्न से सम्मानित करने से लेकर धारा 340 के तहत ओबीसी को आरक्षण देने जैसे अनेकों मामलों में कांग्रेस व भाजपा का रवैया जातिवादी व द्वेषपूर्ण रहा है, किन्तु इनके वोट की राजनीति के खेल निराले हैं। लोग सावधान रहें।

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