उत्तर प्रदेश – कानपुर नगर के ग्रामीण क्षेत्र के शिवराजपुर में प्राचीन खेरेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य बरकरार है। यहां पर प्रातः काल कोई आता है,और शिवलिंग की पूजा करके चला जाता है। सुबह कपाट खुलने पर जलाभिषेक और पुष्प अर्पित मिलते है |
खेरेश्वर मंदिर का इतिहास : प्राचीन मंदिर को लेकर आज भी भक्तों की मान्यता है कि यहां पर पहले दर्शन व पूजन अजर अमर अश्वत्थामा करते हैं। जब पुजारी नित्य प्रातः काल मंदिर के पट खोलते हैं तो शिवलिंग पर पहले से फूल और जल चढ़ा हुआ मिलता है। मान्यता है कि प्राचीन काल में चरवाहों की गायों का दूध इस स्थान पर स्वयं निकलने लगा।इस कारण ग्रामीणों द्वारा खुदाई करने पर यहां शिवलिंग निकला। यह स्थान छतरपुर गांव के खेर (टीले) पर स्थित है, जिसके कारण इस मंदिर का नाम खेरेश्वर रखा गया |
खेरेश्वर मंदिर का पौराणिक महत्व :इस पौराणिक मंदिर के दर्शन से भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है|प्राचीन मंदिर के पास गंगा का सरैया घाट है।श्रावण मास में दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक करने का विशेष महत्व होता है।सोमवार को मंदिर में आस्था का संगम देखने को मिलता है। श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर महादेव के दर्शन करते है|