KNEWS DESK – उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ह्युमन मेटा न्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के पहले मामले का पता चला है। बलरामपुर अस्पताल में भर्ती एक 60 वर्षीय महिला को एचएमपीवी पॉजिटिव पाया गया है। महिला को पहले चरक अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां से उन्हें देर रात बलरामपुर अस्पताल भेजा गया। जांच के बाद निजी लैब ने उनकी रिपोर्ट को एचएमपीवी पॉजिटिव पाया गया है। आगे की जांच के लिए महिला के सैंपल को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भेज दिया गया है।
महिला की स्थिति और अस्पताल में इलाज
आपको बता दें कि लखनऊ के कैंट क्षेत्र की निवासी महिला को अस्पताल के वार्ड नंबर 11 में आइसोलेशन में रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कदम उठाए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस वायरस से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर जाड़े के मौसम में फैलता है और इसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं, जैसे जुकाम, बुखार, खांसी और सीने में जकड़न।
एचएमपीवी एक पुराना वायरस
ह्युमन मेटा न्यूमो वायरस (एचएमपीवी) एक पुराना वायरस है, जो न्यूमोविरडी वायरस परिवार का हिस्सा है। यह वायरस पिछले 60 वर्षों से वातावरण में मौजूद है, लेकिन इसकी पहचान बाद में हुई। यह मौसमी बीमारी के रूप में जाना जाता है और इसे आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षणों के रूप में पहचाना जाता है।
एचएमपीवी का पहला मामला 2001 में नीदरलैंड्स में बच्चों में पाया गया था, और भारत में इसकी पुष्टि पहली बार 2003 में हुई थी, जब बीजे मेडिकल कॉलेज और पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने बच्चों में इसके संक्रमण की पहचान की थी।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता और एहतियात
इस वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है। अब तक देशभर में एचएमपीवी के 11 मामले सामने आ चुके हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह आमतौर पर जाड़े के मौसम में फैलता है और इसके लक्षण साधारण फ्लू के जैसे होते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस से बचाव के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि लोग ठंड के बावजूद पानी पीते रहें और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें। इसके अलावा, फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीजों से दूरी बनाना और स्वच्छता का ध्यान रखना भी आवश्यक है।
एचएमपीवी के लक्षण और बचाव
एचएमपीवी के लक्षण आमतौर पर जुकाम, बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, और कभी-कभी सांस लेने में कठिनाई होते हैं। यह वायरस अधिकांशतः बच्चों और बुजुर्गों में अधिक फैलता है, लेकिन सामान्य व्यक्ति भी इससे संक्रमित हो सकता है। वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए, हाथ धोना, अच्छे से खाना खाना, और नियमित रूप से पानी पीना महत्वपूर्ण है।