जैसा कि आप सभी लोग जानते है जल ही जीवन है और पीने के लिए इस वातावरण में शुद्ध जल का होना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि अधिकतर बीमारियां जल से ही उत्पन्त होती है,लेकिन गोरखपुर मंडल के गावों में पीने के पानी का संकट मंडरा रहा है क्योंकि गोरखपुर मंडल के चारो जिलों में 21 प्रतिशत हैंडपंप खराब हो चुके है जिस पर मंडलायुक्त ने नाराजगी जताई है। गांवों में हैंडपंप पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण स्रोत हैं। अगर गांव में हैंडपंप न हो तो शायद पीने के लिए पानी नसीब न हो लेकिन गोरखपुर मंडल के चारो जिलों में इन दिनों पानी को लेकर गहरा संकट है क्योंकी गोरखपुर मंडल के चारों जिलों के गावों में इस समय 21 प्रतिशत से ज्यादा हैंडपंप खराब हो चुके हैं जिसकी सुध गोरखपुर के मंडलायुक्त ने लेते हुए नाराजगी जताई है।
मण्डलायुक्त ने कराई जांच
हैंडपंपो की स्थिति जानने के लिए मंडलायुक्त ने इनकी जांच करने का निर्देश दिया था। जिसमे जांच के दौरान बड़ी संख्या में हैंडपंप खराब मिले। मंडलायुक्त की ओर से कराए गए सर्वे में मंडल के 21 फीसद से अधिक हैंडपंप खराब मिले जिसमे 30 हजार हैंडपंपों की जांच करायी गई तो इसमें से 6,357 हैंडपंप खराब निकले। अब ऐसे में पंचायती राज विभाग को हैंडपंपों को दुरस्त करने के लिए आदेश दिया गया है।जहा एक तरफ सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल अभियान के तहत स्वस्थ जल उपलब्ध कराने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। वही इतनी संख्या में हैंडपंप का खराब होना सिस्टम के ऊपर सवालिया निशान खड़ा करना लाजमी है।