KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 नवंबर 2023 से शुरू हो गया है| यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है| इस सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं| एक तरफ जहां सपा कई मुद्दों पर सरकार पर तंज कसने का मन बना चुकी है तो दूसरी तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में बीजेपी की सरकार भी जवाब देने के मूड में है| वहीं विपक्ष आज जातीय जनगणना, स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर हंगामा कर सकता है|
66 साल बाद योगी सरकार में विधानसभा सत्र नये नियमों के साथ संचालित हो रहा है| पिछले सत्र में ही बदलावों को अनुमति मिलने के बाद अब इस सत्र से इन्हें लागू कर दिया गया है| इसके अंतर्गत अब नेताओं को सदन में मोबाइल फोन ले जाने की इजाजत नहीं है| इसके अलावा सत्र के दौरान सदन में झंडा और बैनर ले जाने पर भी रोक है|
यूपी विधानसभा में नए नियम लागू होने पर सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा- ये नए नियम इसलिए लाए जा रहे हैं क्योंकि राज्य सरकार के पास बेरोजगारी, राजस्व और अन्य मुद्दों पर जवाब नहीं हैं| सरकार विपक्ष का सामना भी नहीं करना चाहती है| वहीं यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, कई महत्वपूर्ण विधेयक भी आएंगे| मुझे उम्मीद है कि सदन की कार्यवाही उचित तरीके से चलेगी| डिप्टी सीएम ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को वही पढ़ने को मजबूर होना पड़ता है जो समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव उनके लिए लिखते हैं|
यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले बीजेपी और सहयोगी दलों की विधायक दल की बैठक हुई, जहां सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और केपी मौर्य मौजूद रहे| बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा- विपक्ष को चर्चा के लिए सदन में जनता ने भेजा है| जनता ने आपको यहां प्रदर्शनकारियों के रूप में नहीं भेजा है| वे (विपक्ष) जनता के मुद्दों को उठाना नहीं चाहते हैं| सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा- बिजली, पानी, सड़क, खेती -किसानी और कानून व्यवस्था के मोर्चे पर असफल हुई सरकार, अब इतनी निःशब्द है कि सदन में भी संवाद नहीं करना चाहती|