बेरोजगारी, पलायन पर रोक, व्यापार बेरोकटोक !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने की सरकार की कोशिशों के बीच उत्तराखंड की औद्योगिक इकाईयों को केंद्र सरकार से बड़ा झटका लगा है। दअरसल केंद्र सरकार ने राज्य में स्थापित 620 औद्योगिक इकाइयों को अपात्र घोषित किया है। सब्सिडी का लाभ पाने के लिए पूंजी निवेश प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत इन औद्योगिक इकाइयों को सरकार ने अपात्र घोषित किया है। सबसे बड़ा झटका हरिद्वार जिले की 251 औद्योगिक इकाइयों को लगा है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक विकास स्कीम 2017 को लागू किया था। इसमें बड़ी संख्या में दोनों राज्यों में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित भी हुईं थी। काफी संख्या में उद्यमियों ने अपनी औद्योगिक इकाइयों का विस्तार भी किया। स्कीम के तहत केंद्र सरकार ने 714 इकाइयों को सब्सिडी का लाभ भी दिया गया। लेकिन इस बीच विभिन्न तकनीकी कारणों से 620 औद्योगिक इकाइयों को अपात्र घोषित करने के बाद उद्यमियों को बड़ा झटका लगा है। वहीं विपक्ष ने इस बीच सरकार पर हमला बोल दिया है. विपक्ष का तर्क है कि ओर तो सरकार उत्तराखंड में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इंवेस्टर्स समिट का आयोजन कर रही है तो वहीं दूसरी ओर जो स्थापित औद्योगिक इकाईयां है उनकी सब्सिडी रोककर राज्य से उद्योगों को पलायन करने पर मजबूर किया जा रहा है. सवाल ये है कि आखिर केंद्र के इस झटके से उत्तराखंड को क्या आर्थिक नुकसान होगा. 

 

उत्तराखंड की 620 औद्योगिक इकाईयों को केंद्र सरकार से बड़ा झटका लगा है। दअरसल केंद्र ने राज्य में स्थापित 620 औद्योगिक इकाईयों को सब्सिडी का लाभ पाने के लिए अपात्र घोषित किया है। केंद्र सरकार ने इसके पीछे रजिस्ट्रेशन और अन्य तकनीकी कारणों को वजह बताया है। सब्सिडी का लाभ ना मिलने से इन औद्योगिक इकाईयों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। इंडस्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने केंद्र सरकार से इस समस्या का सामाधान निकालने की मांग की है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक विकास स्कीम 2017 को लागू किया था। इसमें बड़ी संख्या में दोनों राज्यों में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित भी हुईं थी। काफी संख्या में उद्यमियों ने अपनी औद्योगिक इकाइयों का विस्तार भी किया। स्कीम के तहत केंद्र सरकार ने 714 इकाइयों को सब्सिडी का लाभ भी दिया गया। लेकिन इस बीच विभिन्न तकनीकी कारणों से 620 औद्योगिक इकाइयों को अपात्र घोषित करने के बाद उद्यमियों को बड़ा झटका लगा है। वहीं विपक्ष ने इस बीच सरकार पर हमला बोल दिया है.वहीं सत्तापक्ष हर संभव मदद का भरोसा दे रहा है

 

आपको बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों को स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है…उत्तराखंड में अधिक से अधिक निवेश आए इसके लिए प्रदेश में दो बार बड़ी इंवेस्टर्स समिट भी आयोजित की गई। जिसमें कई लाख करोड़ के एमओयू भी साईन हुए. सरकार को उम्मीद है कि इस तरह की समिट से राज्य में औद्योगिक इकाईयां बढ़ेगी तो राज्य के बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा. प्रदेश से पलायन कम होगा. लेकिन अब 620 औद्योगिक इकाईयों की सबसिडी रूकने से इन औद्योगिक इकाईयों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। वहीं विपक्ष इसपर सवाल भी खड़े कर रहा है।

 

कुल मिलाकर उत्तराखंड में उद्योगों को बढ़ावा देने की सरकार की कोशिशों के बीच उत्तराखंड की औद्योगिक इकाईयों को केंद्र सरकार से बड़ा झटका लगा है। ऐसे में देखना होगा कि सब्सिडी बंद होने के बाद इन तमाम औद्योगिक इकाईयों का क्या भविष्य होगा, क्या केंद्र सरकार इन औद्योगिक ईकाईयों की सब्सिडी जारी करेगी या नही

 

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