यूसीसी का विरोध,जनमत संग्रह का अनुरोध !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून यानी यूसीसी को लेकर हो रहा विरोध कम नहीं हो रहा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां इसे समान नागरिक संहिता वाला कानून मानने को तैयार नहीं हैं। इसमें जनजातियों को जहां अलग रखा गया है वहीं दूसरी ओर लिव इन रिलेशनशिप के लिए जारी किए गए नए-नए प्रावधानों को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष करन महारा ने विधानसभा सत्र के पहले ही दिन यूसीसी कानून की तमाम भ्रांतियों को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में जमकर इस कानून के खिलाफ आवाज उठाई। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष महारा ने प्रेस वार्ता के बाद जनमत संग्रह के लिए एक फॉर्म जारी किया। उन्होंने कहा कि इस फार्म के द्वारा हमारे कार्यकर्ता घर-घर जाकर जागरूक करेंगे। इस माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा साथ ही यह सभी फार्म राष्ट्रपति को भेजकर इस कानून को बदलने की मांग की जाएगी। दरअसल, उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 को लागू किए गए समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक, वसीयतनामा, लिव इन रिलेशनशिप के कई नियम कानूनों को लेकर विरोध किया जा रहा है। वही सरकार इस कानून को अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है वही बजट सत्र का आगाज प्रदेश में हो गया है 20 को धामी सरकार अपना प्रदेश का बजट पास करेगी दूसरी ओर सबसे बड़ा विपक्षी दल कांग्रेस यूसीसी को लेकर विधानसभा का घेराव करेगा
बता दें कि 27 जनवरी 2025 को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू किया। समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद सभी जाति, धर्म और सम्प्रदाय के लिए एक जैसा कानून होने का दावा किया जा रहा है। इस कानून में विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और विरासत के लिए एक समान नियम लागू किए गए हैं। भाजपा के अनुसार यह कानून किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज में एकरूपता लाएगा। लिव इन में रहने वाले जोड़े को भी यूसीसी में पंजीकरण करवाना होगा। पैतृक संपत्ति में बेटा और बेटी दोनों को समान अधिकार इस कानून से मिलेंगे। लिव इन में रहने के बाद पैदा संतान को भी संपत्ति में समान अधिकार मिलेंगे। वहीं, विपक्ष के अनुसार अगर ऐसा कानून लागू करना ही था तो केंद्र सरकार लोकसभा में इस कानून को पास करती। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष महारा ने प्रेस वार्ता के बाद जनमत संग्रह के लिए एक फॉर्म जारी किया। उन्होंने कहा कि इस फार्म के द्वारा हमारे कार्यकर्ता घर-घर जाकर जागरूक करेंगे। इस माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा साथ ही यह सभी फार्म राष्ट्रपति को भेजकर इस कानून को बदलने की मांग की जाएगी।
इस कानून के लागू होने के बाद बहुविवाह और मनमाने रूप से तलाक पर अंकुश लगने की उम्मीद जताई जा रही है। विपक्षी दल यूसीसी का पहले से ही विरोध कर रहे हैं, वहीं भाजपा इसे धामी सरकार का अहम फैसला बता रही है। विपक्षी दलों  के अनुसार यह जल्दबाजी में लाया गया कानून है और इसका निरस्त होना तय है। एक तरफ विधानसभा का सत्र चल रहा है तो वहीं 20 तारीख को विधानसभा में बजट पेश किया जाएगा तो दूसरी ओर यूसीसी के मुद्दे को लेकर बड़ी संख्या में कांग्रेसी सरकार को सड़क से सदन तक घेरने में लगे हैं तो वहीं अन्य विपक्षी दल भी  यूसीसी  के विरोध में सरकार के खिलाफ उतर चुके हैं
 उत्तराखंड में भाजपा सरकार की ओर से लागू किए गए सामान्य नागरिक संहिता कानून का लगातार कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं खासकर लिविंग रिलेशनशिप को लेकर आपत्ति दर्ज कराई जा रही है और यही वजह है कि कांग्रेस अब अपनी मुहिम जनमत संग्रह के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपेगी, वहीं यह मामला हाई कोर्ट में भी विचाराधीन है जिसमें सरकार से आगामी 6 हफ्तों के भीतर यूसीसी  में संशोधन वाली  याचिका को लेकर जवाब मांगा गया है अब बरहाल देखना होगा कि कांग्रेस का जनमत संग्रह जनता की समझ में कितना आता है

 

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