उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड के चमोली में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए सुबह मौसम खुलते ही रहता और बचाव कार्य में लगी टीमों ने रेस्क्यू करना शुरू कर दिया. गनीमत यह रही के लगभग 7:30 पर पूरे इलाके में मौसम साफ हो गया लेकिन अभी भी काले बदल जोशीमठ और उसके आसपास मंडरा रहे है. फिलहाल ज्यादातर लोगों को निकाल लिया गया है वही इस हादसे में जो तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए थे उन्हें जोशीमठ के अस्पताल में लाया गया है। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से बर्फ के नीचे फंसे 55 मजदूरों में से अब तक 50 की जान बचा ली गई है.वही 5 मजदूर अभी भी उनकी तलाश जारी है , सेना के तकरीबन 100 जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. सुबह के वक्त खुद मुख्यमंत्री घटना स्थल पर जायजा लेने के लिए पहुंचे थे. कई परिजन बर्फबारी में फंसे अपनों की तलाश कर रहे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. यहां एनडीआरएफ समेत सेना के जवान तैनात हैं. घटना स्थल पर जायजा लेने के लिए सीएम धामी मौके पर जा पहुंचे. हवाई जहाज के जरिए दुर्घटना ग्रस्त इलाके का जायजा ले रहे हैं,सवाल ये भी उठता है प्रदेश को बने 25 साल हो गए कांग्रेस भाजपा की सरकारों ने प्रदेश में आपदाओं से निपटने को लेकर कई दावे भी किए लेकिन दैविक आपदाओं के समय धरातल पर सब फेल ही नजर आया किसी भी सरकार ने हिमालय क्षेत्रों को संरक्षण देने के लिए कोई ठोस नीति अभी तक नहीं बन पाई जानकारों की माने तो अवैध निर्माण भी इस आपदा का मुख्य कारण है च
अब तक राहत और बचाव कार्य में लगी टीमों की जानकारी और पूरे हालात पर न केवल उत्तराखंड सरकार बल्कि अब केंद्र सरकार भी नजर रख रही है कल से अब तक प्रधानमंत्री कार्यालय और गृहमंत्री अमित शाह ने इस पूरे घटना की जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से ली है धामी भी कल 5 घंटे में दो बार आपदा कंट्रोल रूम में पहुंचकर हालात की जानकारी ले चुके हैं. चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी की माने तो फिलहाल मौसम खुल गया है और हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चमोली के लिए रवाना हुए रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में वहां पहुंचकर जानकारी ली साथ ही घायल मजदूर से मुलाकात भी की।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम दोनों ही रेस्क्यू अभियान में लगी हुई है हवाई मार्ग के साथ-साथ सड़क मार्ग से भी जाने की कोशिश की जा रही है क्योंकि जिन लोगों को निकाला गया है उन्हें भी अस्पताल में चेकअप के लिए लाया जाएगा फिलहाल अच्छी बात यह है की मौसम खुला हुआ है लेकिन मौसम विभाग यह भी कह रहा है कि हो सकता है 4:00 के बाद छुटपुट बर्फबारी और बारिश की घटना ऊपरी हिस्सों में हो सकती है अब इसके साथ ही आपदा जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है जिस पर विपक्षी दल अवैध निर्माण व मौसम के अलर्ट होने के बाद भी इस घटना में सरकार की लापरवाही को मुख्य वजह बता रहे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने फोन पर बात कर जनपद चमोली के माणा में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली. साथ ही उन्होंने प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी विस्तृत जानकारी ली. इस दौरान प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान किए जाने का आश्वासन दिया सवाल अब यही उठता है की लगतार उत्तराखंड राज्य कई आपदाओं से गुजर चूका है इसके बाद भी राज्य में रही अब तक की सरकारों ने आपदा से निपटने के कई दावे भी किए गए पहाड़ो पर हो रहे प्रकर्ति के साथ खिलवाड़ वाले निर्माण कार्यो पर रोक के साथ अभी तक हिमालय क्षेत्रों को संरक्षण देने के लिए कोई ठोस नीति लागू नहीं हो पाई है जो आने वाले समय पर प्रदेश ही नहीं पुरे देश के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।