कानून व्यवस्था की बारी, विपक्ष के सवाल भारी !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच अचानक दिल्ली में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ बड़ी बैठक हुई है…सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अमित शाह ने राज्य की बदहाल कानून व्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त की है….इसके साथ ही यूसीसी को लागू करने को लेकर भी चर्चा हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक अमित शाह से हुई मुलाकात में तीन नए आपराधिक कानूनों के उत्तराखंड में क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा की गई। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार को दूरस्थ क्षेत्रों में न्याय प्रक्रिया आसान बनाने के लिए ऑनलाइन की सुविधा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। वहीं पत्रकारों से बातचीत में सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में सरकार जल्द ही सख्त भू कानून को लागू करेगी, अँधाधुंध निर्माण पर रोक लगाई जाएगी। इसके साथ ही सीएम ने दावा किया कि जल्द ही प्रदेश में सरकार यूसीसी को लागू करेगी। उन्होने बताया कि जनवरी महीने में हर हाल में समान नागरिक संहिता लागू को लागू किया जाएगा। हांलाकि विपक्ष का आरोप है कि यूसीसी भाजपा का ऐजेंडा है. जनता में इसको लेकर कोई उत्साह नहीं है. सवाल ये है कि आखिर अचनाक हुई इस मुलाकात के क्या मायने है और क्या मुख्यमंत्री के यूसीसी और सख्त भू कानून लागू करने के दावे पर भरोसा किया जाए

 उत्तराखंड की कानून व्यवस्था पर लगातार उठ रहे सवालों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ बड़ी बैठक हुई हैं.बैठक में राज्य की कानून व्यवस्था में सुधार के विषय पर चर्चा हुई है। इसके साथ ही यूसीसी को लागू करने को लेकर भी मंथन किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक अमित शाह से हुई मुलाकात में तीन नए आपराधिक कानूनों के उत्तराखंड में क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री ने अमित शाह को बताया कि राज्य में मुकदमों के निस्तारण में काफी तेजी आई है।  वहीं पत्रकारों से बातचीत में सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में सरकार जल्द ही सख्त भू कानून को लागू करेगी, अँधाधुंध निर्माण पर रोक लगाई जाएगी। इसके साथ ही सीएम ने दावा किया कि जल्द ही प्रदेश में सरकार यूसीसी को लागू करेगी। हांलाकि विपक्ष यूसीसी को भाजपा का ऐजेंडा बताते हुए इसे केंद्र का विषय बताया है

आपको बता दें कि राज्य में अंकिता भंडारी समेत कई महिला अपराध राष्ट्रीय स्तर तक चर्चा का विषय बने. वहीं राज्य में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार कानून व्यवस्था पर सवाल खडे किये जा रहे हैं. वहीं एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक महिला अपराध के मामलों में उत्तराखंड 9 पहाड़ी राज्यों में टाप पर है, वर्ष 2022 में प्रदेश में महिला अपराध का ग्राफ वर्ष 2021 के मुकाबले 26 प्रतिशत ऊपर पहुंच गया.एनसीआरबी के अनुसार, साल 2021 में महिला अपराध के 3431 मामले सामने आए थे, जबकि वर्ष 2022 में यह संख्या बढ़कर 4337 पहुंच गई. बताया जा रहा है कि अमित शाह ने बैठक में इस मामले को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। हांलाकि भाजपा इस नाराजगी से इंकार कर रही है

 कुल मिलाकर चुनावी तैयारियों के बीच अचानक हुई मुख्यमंत्री की इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। वहीं प्रदेशभर में लगातार बढ़ते अपराध आम लोगों के साथ सरकार की चिंता को भी बढ़ा रहा है. वहीं महिला अपराधों में राज्य का प्रथम स्थान पर आना चिंता को और बढ़ा रहा है. ऐसे मे देखना होगा कि सीएम धामी राज्य की कानून व्यवस्था में कबतक सुधार लाते हैं

 

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