उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। सबसे ज्यादा बुरा हाल राजधानी देहरादून का देखने को मिल रहा है जहां लगातार बढ़ रहा तापमान हर दिन नए रिकॉर्ड बनाता चला जा रहा है। सोमवार को जून का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया। यहां दिन का अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री रहा। इतना ही नहीं मौसम विभाग ने आगे भी भीषण लू चलने का रेड अलर्ट जारी किया है। बता दें कि गर्मी के इस सीजन में देहरादून में तीसरी बार तापमान 43 डिग्री के पार गया है। ऐसा 29 साल में पहली बार हो रहा है कि दून का पारा इतना ज्यादा दर्ज किया जा रहा है। वहीं इस भीषण गर्मी के बीच राज्य में बिजली पानी की भारी कटौती भी देखने को मिल रही है। दअरसल इस भीषण गर्मी से राहत के लिए बिजली और पानी की भारी डिमांड बढ़ गई है। इस मांग को पूरा कर पानी जल संस्थान और ऊर्जा निगम के लिए बेहद चुनौतिपूर्ण हो रहा है। इस बीच प्रदेशभर के जंगलों में भीषण आग की घटनाओँ ने भी सरकार की चिंता बढ़ा दी है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन के उच्च अधिकारियों की तत्काल बैठक बुलाई। बैठक में वनाग्नि से निपटने, और बिजली-पानी के संकट को दूर करने पर चर्चा की गई। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड में पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखते जलस्रोत बचाने के लिए सरकार प्रदेश में जल संरक्षण बोर्ड बनाने की तैयारी कर रही है…वहीं विपक्ष का कहना है कि समय रहते सरकार की ओर से कोई उचित कदम नहीं उठाए गये जिसकी वजह से पूरे प्रदेशभर में बिजली-पानी के संकंट के साथ ही वनाग्नि की घटनाएं बढ़ गई है। सवाल ये है कि आखिर क्यों सरकार ने समय रहते इस स्थिति से निपटने के लिए कोई कार्य योजना तैयार नहीं की। सवाल ये भी है कि जल संरक्षण बोर्ड बनाने से सूखते जलस्रोतों को बचाया जा सकता है
उत्तराखंड में सूर्य की बढ़ती तपिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। रोजाना मौसम एक के बाद एक नए रिकार्ड बनाता जा रहा है। पहाड़ से लेकर मैदान तक भट्टी की आग में तप रहे हैं। वहीं सोमवार को उत्तराखंड के 17 शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज किया गया। इनमें मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पहाड़ी क्षेत्र श्रीनगर, देवप्रयाग और रुद्रप्रयाग भी शामिल हैं। वहीं हरिद्वार में पहली बार नगर में सोमवार को अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं मौसम विभाग ने आगे भी भीषण लू का रेड अलर्ट जारी किया है।
आपको बता दें कि भीषण गर्मी के बीच राज्य में बिजली पानी की भारी कटौती भी देखने को मिल रही है। दअरसल इस भीषण गर्मी से राहत के लिए बिजली और पानी की भारी डिमांड बढ़ गई है। इस मांग को पूरा कर पानी जल संस्थान और ऊर्जा निगम के लिए बेहद चुनौतिपूर्ण हो रहा है। इस बीच प्रदेशभर के जंगलों में भीषण आग की घटनाओँ ने भी सरकार की चिंता बढ़ा दी है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन के उच्च अधिकारियों की तत्काल बैठक बुलाई। बैठक में वनाग्नि से निपटने, और बिजली-पानी के संकट को दूर करने पर चर्चा की गई। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड में पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूखते जलस्रोत बचाने के लिए सरकार प्रदेश में जल संरक्षण बोर्ड बनाने की तैयारी कर रही है…वहीं विपक्ष का कहना है कि समय रहते सरकार की ओर से कोई उचित कदम नहीं उठाए गये जिसकी वजह से पूरे प्रदेशभर में बिजली-पानी के संकंट के साथ ही वनाग्नि की घटनाएं बढ़ गई है।
कुल मिलाकर हिमालयी राज्य उत्तराखंड में बेतहाशा बढ़ते तापमान ने हर किसी को परेशान कर रखा है। इस भीषण गर्मी की वजह से एक और जहां पहाड़ों में जंगल धधक रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर पहाड़ों में लगातार सूखते जल स्रोतों ने चिंता को और बढ़ा दिया है। इस बीच अब राज्य सरकार जल संरक्षण बोर्ड के गठन की तैयारियों में लग गई है.. सवाल ये है कि आखिर क्यों सरकार ने समय रहते इस स्थिति से निपटने के लिए कोई कार्य योजना तैयार नहीं की। सवाल ये भी है कि जल संरक्षण बोर्ड बनाने से सूखते जलस्रोतों को बचाया जा सकता है या नही